संयुक्त राष्ट्र में पास हुआ इसराइल हमास युद्ध विराम का प्रस्ताव, मतदान के दरमियान अनुपस्थित अमेरिका को इस प्रस्ताव पर उसकी खामोश रजामंदी माना जा सकता है?
तारिक़ आज़मी
डेस्क: गाजा में इज़रायल -हमास युद्ध के लगभग छह महीने बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सेमवार (25 मार्च) को रमजान के अंत तक ‘तत्काल युद्धविराम’ का आह्वान करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में इस मसौदे के पुराने संस्करण से ‘स्थायी’ शब्द हटाने और इसके बजाय ‘तत्काल युद्धविराम’ जोड़ने को लेकर महत्वपूर्ण बताया गया है।
सुरक्षा परिषद में संघर्ष विराम के लिए स्थायी और टिकाऊ युद्धविराम के उपायों की मांग की गई। इसके पक्ष में 15 में से 14 सदस्यों ने मतदान किया, जबकि इजरायल का सबसे बड़ा समर्थक अमेरिका मतदान में अनुपस्थित रहा। यह अमेरिका के रुख में एक महत्वपूर्ण बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। यह ऐसे समय है जब खुद अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावो की बढती सरगर्मी के बीच अमेरिका का इसराइल को एकतरफा समर्थन था। जबकि खुद अमेरिकन सीनेट के कई सदस्यों ने इसके ऊपर आपत्ति जताया था। इस वजह से अमेरिका की इस अनुपस्थिति को उसकी खामोश रजामंदी भी कहा जा रहा है।
बताते चले कि इस मसौदे में इज़रायल पर 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की बिना शर्त रिहाई के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। हालांकि यह मांग 9 अप्रैल को समाप्त होने वाले रमज़ान के दौरान युद्धविराम की मांग से जुड़ी नहीं है। यानी इस युद्ध विराम के बाद यह शर्त जुडी रहेगी। इस सफल प्रस्ताव का मसौदा आंशिक रूप से सुरक्षा परिषद में अरब ब्लॉक के वर्तमान सदस्य अल्जीरिया द्वारा तैयार किया गया था, जिसमें स्लोवेनिया और स्विटजरलैंड सहित विभिन्न देशों के समूह शामिल थे।
संयुक्त राष्ट्र में अल्जीरिया के राजदूत अमर बेंडजामा ने कहा कि फिलिस्तीनी लोग पांच महीने से भयानक पीड़ा झेल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘खून-खराबा बहुत हो गया है। आखिरकार, सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय समुदाय और महासचिव के आह्वान का जवाब दे रही है।’ गौरतलब है कि अब यह इज़रायल पर निर्भर है कि वह इस प्रस्ताव को स्वीकार और लागू करेगा या नहीं।