महिला अधिकार सम्मलेन के सम्बन्ध में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोली जागृति राही ‘महिलाये जब अधिकारों की बात करती है तो प्रधानमंत्री मोदी अधिकार देने के बजाये “नारी वंदना” और “देवी” कह कर धोखा देते है’
ए0 जावेद
वाराणसी: आगामी लोकसभा चुनाव में महिलाएं मजबूत मतदाता के तौर पर होंगी और इस चुनाव में महिलाओं के मुद्दे कहां है? इन्ही मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आगामी 3 मार्च को शास्त्री घाट, कचहरी पर महिला अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। वाराणसी में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन को महिला संगठनों के समन्वय के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है जिसके अंतर्गत शहर के कई सामाजिक संगठन शामिल होंगे।
सम्मेलन को समाजिक राजनैतिक सांस्कृतिक क्षेत्र की महिला लीडर्स संबोधित करेंगी। आज सिगरा स्थित अस्मिता फाउंडेशन में पत्रकारवार्ता आयोजित की गई। पत्रकारवार्ता को साझा संस्कृति मंच की जागृति राही, लोकचेतना समिति से रंजू सिंह, ऐपवा की कुसुम वर्मा और दखल संगठन से इन्दु ने संबोधित किया। साझा संस्कृति मंच से जागृति राही ने कहा की लोकसभा चुनाव हो या विधान सभा चुनाव आज महिलाओं का बड़ा हिस्सा मजबूत मतदाता के बतौर उभर रहा है।
उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने को सिर्फ उसे एक वोट के बतौर नहीं देखना चाहती बल्कि अपने संवैधानिक अधिकार को हासिल करना चाहती हैं, लेकिन जब भी महिला अधिकार, संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण का सवाल उठ रहा है, तो प्रधानमंत्री मोदी उन्हे नागरिक अधिकार देने के बजाय नारी वंदन की बात करने लगते हैं महिलाओं को देवी बना देते हैं, यह महिलाओं के साथ धोखा है।
महिला चेतना समिति की रंजू सिंह ने कहा है की यह सरकार बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, लेकिन लड़कियों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था के बदले समूची उच्च शिक्षा को इतना मंहगा कर दिया गया है और शिक्षा के निजीकरण के कारण साधारण परिवार की लड़कियों के लिए गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा हासिल करना सपना हो गया है। आज शहरों व गांवों में पढ़ी लिखी लड़कियां बेरोजगारी झेल रही हैं। कामकाजी महिलाएं कार्यस्थल पर शोषण झेल रही हैं।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए ऐपवा की कुसुम वर्मा का कहा की डबल इंजन की सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े बता रहे है की पूरे देश में और उत्तर प्रदेश में भी महिलाएं सुरक्षित नही हैं। हर महिला के लिए यूपी को सुरक्षित करने के बजाय मुख्यमंत्री यह कहकर अपनी पीठ थपथपा रहे है कि यूपी पुलिस अपराधियों को 24 घण्टे में गिरफ्तार कर ले रही है जबकि हम जानते हैं कि पूरे प्रदेश में गरीबो, दलितों , महिलाओं के हक, अधिकार और न्याय की आवाज को दबाया जा रहा है।
दख़ल संगठन से इन्दु ने कहा की हम संविधान के मुताबिक हर व्यक्ति को जीने के अधिकार के हिमायती हैं। आज साइबर ब्लैकमेलिंग, ऑनलाइन धमकी, ट्रोलिंग, मॉर्फ्ड वीडियो, साइबर पोर्नोग्राफ़ी आदि जैसे महिलाओं के खिलाफ होने वाले नए किस्म के अपराधों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। संस्कृति और धर्म की रक्षा के नाम पर महिलाओं के साथ अन्याय बड़ा है। वर्तमान सरकार ट्रांसजेंडर / क्वियर समाज के हक अधिकार उनके अस्तित्व को लगातार नजरांदाज कर रही है। प्रेस वार्ता में सुजाता, सुतपा, शिवांगी, नीति, धन्नजय, अमर, धीरज, शबाना खान, वंदना, नूर, वैभव, फादर मैथ्यू उपस्थित रहे।