ज्ञानवापी मस्जिद की कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने वीडियो और फोटो जारी कर पीएम के नाम लिखा खुला ख़त, कहा ‘महोदय भारत में बसने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी इसी धरती का एक हिस्सा हैं, हम न्याय से वंचित किए जा रहे हैं’
तारिक आज़मी
वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद की देख रेख करने वाली संस्था अंजुमन इन्तेजामियां मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कुछ वीडियो और तस्वीरो को सांझा करते हुवे देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक खुला खत आज सोशल मीडिया पर लिखा है। उन्होंने अपने ख़त के मज़मून की शुरुआत ‘यशस्वी प्रधान मंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम’ से किया है।
उन्होंने ख़त में लिखा है कि ‘आदरणीय महोदय मैं आप के संसदीय क्षेत्र का अल्पसंख्यक समुदाय का एक अदना सा व्यक्ति होकर आपको अल्पसंख्यक समुदाय को आपके इस संसदीय क्षेत्र में कैसी कैसी ज़िल्लत झेलना पड़ रहा है से अवगत कराने का साहस कर रहा हूं। यहां न्याय के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। न्यायिक व्यवस्था अपने निम्न स्तर पर पहुंच गई है।‘
उन्होंने लिखा है कि ‘उदाहरणार्थ हमारी ज्ञानवापी मस्जिद जिसमें मुसलमान लगभग छह सौ साल से अनवरत नमाज़ पढ़ते आ रहे हैं। 1937 के दीन मोहम्मद बनाम सेक्रेट्री आफ स्टेट के मुकदमे मे “ऊपर से ज़मीन के नीचे तक हनफी मुस्लिम वक्फ सम्पति” घोषित है। इसके बावजूद वाराणसी के ज़िला जज ने रिटायर्मेंट से कुछ दिन पहले मस्जिद के एक भाग का ज़िला मजिस्ट्रेट को रिसीवर नियुक्त कर दिया और बिना साक्ष्य के रिटायर्मेंट से कुछ घंटे पूर्व हिन्दुओं को पूजा करने का अधिकार दे दिया।‘
खत में एसएम यासीन ने लिखा है कि ‘रिटायर्मेंट के कुछ दिन बाद ही वह लोकपाल नियुक्त हो गए। ज़िला प्रशासन को अनुपालन हेतु सात दिन का समय मिला था जैसा कि इस वीडियो से ज़ाहिर है।’
एक वीडियो जारी करते हुवे एसएम यासीन ने लिखा कि ‘इसके कुछ ही घंटे बाद बिना सत्य प्रतिलिपि प्राप्त हुए रात के अंधेरे मे माननीय सर्वोच्च न्यायालय से स्वीकृत डबल बैरिकेडिंग को काटकर दक्षिणी तहखाना मे असंख्य हिन्दू धर्मावलम्बी प्रवेश किए।’
उन्होंने लिखा कि ‘यह बैरिकेडिंग कटने की आवाज है इसके बाद मंडलायुक्त महोदय अपने पुत्र के साथ पूजा-पाठ किए—-’
उन्होंने खत में लिखा है कि ‘यह तस्वीर गवाह बनी इसके बाद मंडलायुक्त महोदय ने पूजा सम्पन्न होने की बात स्वीकार किया यह तस्वीर भी गवाही दे रही है’
पत्र में वीडियो जारी करते हुवे लिखा है कि ‘तत्पश्चात ज़िलाधिकारी महोदय की स्वीकारोक्ति भी देखी जा सकती है। आदरणीय महोदय इस के बाद एक और मस्जिद निशाने पर है।’
मस्जिद धरहरा की तस्वीर के बाद लिखा कि ‘महोदय भारत में बसने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी इसी धरती का एक हिस्सा हैं। हम न्याय से वंचित किए जा रहे हैं। अतः आप से विनम्र निवेदन है कि सबका साथ, सबका विकास के साथ सबको न्याय पर विशेष बल दिया जाए यही नारा भारत के विश्व गुरू बनने में सहायक होगा। अल्पसंख्यक समुदाय का एक अदना सा व्यक्ति, एसएम यासीन।’