पीएम मोदी के मुसलमानों को लेकर दिए जा रहे भाषण से नाराज़ भाजपा के पुराने साथी शिरोमणि अकाली के सुखबीर सिह बादल बोले ‘पीएम को ऐसा वक्तव्य नहीं देना चाहिए था जिससे लोगों में ज़हर फैले’
ईदुल अमीन
डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मुस्लिम समाज को लेकर दिए जा रहे भाषण से अब भाजपा के पुराने साथी शिरोमणि अकाली दल ने नाराजगी जताया है। उनके बयानों से नाराज़ दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि प्रधानमन्त्री को ऐसे वक्तव्य नही देने चाहिए जिससे लोगो में सांप्रदायिक घृणा और ज़हर फैले।
शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली में दिए गए बयान की आलोचना की है। सोमवार को जालंधर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को कभी भी ऐसा वक्तव्य नहीं देना चाहिए था जिससे देश के लोगों में सांप्रदायिक घृणा, आपसी संदेह और ज़हर फैले।’
Prime Minister should never have made statements that spread communal hatred, mutual suspicion and venom among people of our own country. India belongs equally to Hindus, Sikhs, Muslims, Christians and others. The PM and BJP must learn from Sardar Parkash Singh Badal how to… pic.twitter.com/yVBr4XgYJy
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) April 22, 2024
उन्होंने कहा, ‘भारत हिंदुओं, सिखों, मुसलमानों, ईसाइयों, सभी का है। प्रधानमंत्री और भाजपा को सरदार प्रकाश सिंह बादल से सीखना चाहिए कि कैसे शांति और सांप्रदायिक समन्वय सुनिश्चित हो।’ बताते चले कि विपक्ष के कई नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के बांसवाड़ा में दिए गए बयान की तीखी आलोचना की थी और इसे “हेट स्पीच” बताया था।
मगर लंबे समय तक भाजपा के साथी रहे अकाली दल की तरफ़ से आया बयान अब ख़ास सुर्ख़ियों में है। अकाली दल (बादल) प्रवक्ता परमबंस सिंह रोमाना कहते हैं, ‘ऐसे वक्तव्य से सामाजिक ताने बाने पर असर पड़ता है। भारत का प्रधानमंत्री कहीं खड़ा होकर किसी अल्पसंख्यक को निशाना बनाकर बोले तो हम उसकी कड़ी निंदा करेंगे।’
बताते चले कि भाजपा और अकाली दल का लंबे समय तक साथ रहा है। साल 1996 में अकाली दल और भाजपा साथ आए और दोनो पार्टियों ने कई बार साथ चुनाव लड़ा। साल 2020 में कृषि कानून के विरोध में अकाली दल भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से अलग हो गया था। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले दोनों पार्टियों के साथ आने की बातें गर्म थीं, लेकिन ख़बरों के मुताबिक सीट शेयरिंग को लेकर दोनों पक्षों में सहमति नहीं हो सकी।