शादी की एक रात के इज्ज़त के लिए कर्ज़दार बन रहा आम आदमी मुद्दत के लिए: बढ़ती महंगाई से आमजन के छूटे पसीने, शादी समारोह के खर्च को लेकर आमजन परेशान

फारुख हुसैन

डेस्क: इस वक्त लगातार बढ़ रही महंगाई ने आमजन की कमर तोड़ रखी है जिससे अब मीडियम क्लास और गरीब तबके के लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें तब हो रही है जब घरों में कोई शादी समारोह हो। मगर बढती महंगाई ने शायद इस कहावत को सच कर रहा है कि ‘शादी की एक रात की इज्ज़त के लिए, कर्ज़दार बन जाता है आम आदमी मुद्दत के लिए।’

गौरतलब है कि बढ़ती महंगाई के दौरान इस बार होने वाली शादियों में काफी ज्यादा इजाफा देखने को मिल रहा है और सहालग शुरू हो चुकी है। हर बार से ज्यादा इस बार की महंगाई ने शादियों का बजट बिगाड़ा है। बीते सहालग की तुलना में इस बार लगभग 40 से 50 फीसदी तक दाम बढ़ चुके हैं। शादी के कार्ड से लेकर भोजन तक सभी पर महंगाई की मार पड़ी है।

बेटी को दिया जाने वाला गृहस्थी का सामान भी महंगा हुआ है। एलईडी टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, बेड, सोफा, ड्रेसिंग टेबल, सेंटर टेबिल, गद्दा रजाई, सिलाई मशीन, दोपहिया वाहन समेत सभी चीजें महंगी र्हुई हैं। पहले एक शादी में दिए जाने वाला सामान औसतन एक से डेढ़ लाख रुपये में मिल जाता था। अब इसके लिए दो से तीन लाख रुपये लग रहे हैं। अधिकतर एलईडी टीवी और फ्रिज के मूल्य दो से तीन हजार रुपये बढ़ चुके हैं। व्यापारियों का कहना है कि अधिकांश कारखानों में कारीगरों की कमी किए जाने से उत्पादन सीमित हुआ है, जिससे दाम बढ़े हैं।

बता दें कि आसमान छूती महंगाई से शादी समारोह में होने वाले खर्चों से लोग परेशान नजर आ रहे हैं। इस बार देखा जाए तो शादियों की सहालग को लेकर जहां लोग परेशान दिखाई दे रहे हैं तो वही शादियों में बुक होने वाले तमाम प्रकार की सुविधाओं और व्यंजनों की बढ़ती कीमत के चलते व्यापारिक लाभ को देखते हुए सभी के चेहरे खिले दिखाई दे रहे हैं ।

बीते दिन यानी की 18 अप्रैल से शादियों का सीजन शुरू हो चुका है। इस बार बड़ी संख्या में शादियां होनी हैं। हालांकि, इस बार दुल्हा-दुल्हन दोनों पक्ष पर महंगाई की मार पड़ने वाली है।आसमान छूती महंगाई से विवाह समारोह का आयोजन खर्च में 40 से 50 फीसदी की भारी बढ़ोतरी हुई है।

यह बढ़ोतरी बैंक्वेट हॉल, केटरिंग, ट्रांसपोर्टेशन, डेकोरेशन, फूल,ज्वैलरी, कपड़े आदि महंगे होने से हुए हैं।इसके साथ ही लेबर चार्ज भी काफी बढ़ा है। पेट्रोल-डीजल की महंगाई ने ट्रांसपोर्टेशन लागत बढ़ाने का काम किया है। विवाह समारोह में उपयोग में आने वाली कुर्सियों से लेकर स्टेज, टेंट आदि का किराया में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में अगर पिछले साल किसी शादी के डेकेरोशन में 2 लाख रुपये का खर्च आता था तो वह इस बार बढ़कर कम से 3 लाख रुपये पहुंच गया है।

केटरिंग से लेकर बैंड-बाजा भी हो गया है महंगा

महंगाई की मार इस बार केटरिंग से लेकर बैंड-बाजा पर देखन को मिल रही है। पिछले साल की तुलना में इस बार खाना भी महंगा पड रहा है। बारात के समय आने वाली जिस बैंड पार्टी की बुकिंग 15000 रुपये तक में हो जाती थी, वह आज 25 हजार रुपये से कम पर तैयार ही नहीं होते। शादी वाले दिन घर में रात भर रह कर बाजा बजाने वाले दो-तीन लोगों की टीम की बुकिंग दो-तीन हजार रुपये में हो जाती थी। वे इस समय 5,000 रुपये से कम पर मान ही नहीं रहे हैं।

ज्वैलरी से लेकर कपड़े के दाम में भारी बढ़ोतरी

इस बार शादियों के बजट बढ़ाने में ज्वैलरी, कपड़े, जूते, चप्पल, दुल्हा-दुल्हन के शादी के जोड़े अहम रोल निभा रहे हैं। सोना महंगा होने से ज्वैलरी खरीदने का बोझ बढ़ा है। वहीं, कपड़े पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी तक महंगा होने से इसका भी बजट तेजी से बढ़ा है। ओवरऑल इस बार शादियों में बढ़ा खर्च दुल्हे और दुल्हन दोनों पक्ष को परेशानी में डालने का काम करेंगे।

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