कांग्रेस पार्टी और मुसलमानों को निशाना बना कर दिए गए पीएम मोदी के बयान की आलोचना करते हुवे अखिलेश यादव ने कहा ‘प्रधानमंत्री का बयान पूरी दुनिया में फैले एक समुदाय का अपमान है’
आदिल अहमद
डेस्क: अखिलेश यादव ने राजस्थान के बांसवाड़ा में रविवार को कांग्रेस पार्टी और मुसलमानों को निशाना बनाकर दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की आलोचना करते हुए इस पर जवाब दिया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखते हुए अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री के बयान एक समुदाय विशेष के बारे में नाम लेकर ग़लत बात कहना पुरी दूनिया में फैले उस समुदाय का अपमान है। हालांकि अखिलेश यादव ने एक्स पर की गई अपनी पोस्ट में मुसलमान शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांसवाड़ा की रैली में कहा था, ‘पहले जब उनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है, इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करके किसको बांटेंगे- जिनके ज़्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे, घुसपैठियों को बांटेंगे। क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंज़ूर है ये? ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।’
क्या बोले अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने इस सम्बन्ध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुवे लिखा है, ‘भाजपा के सर्वोच्च पदों पर बैठे लोग चुनावी रैली में अनर्गल बातें कहकर कांग्रेस के लिए जो झूठ फैला रहे हैं, उससे भाजपा का अपना झूठ बाहर आ रहा है। एक तरफ़ वो दावा कर रहे हैं कि 400 सीट पाकर जीतने वाले हैं; दूसरी तरफ़ वो विपक्ष के जीतने पर क्या होगा कहकर जनता को डरा कर चुनाव में कुछ वोट पाना चाहते हैं।’
भाजपा के सर्वोच्च पदों पर बैठे लोग चुनावी रैली में अनर्गल बातें कहकर कांग्रेस के लिए जो झूठ फैला रहे हैं, उससे भाजपा का अपना झूठ बाहर आ रहा है। एक तरफ़ वो दावा कर रहे हैं कि 400 सीट पाकर जीतने वाले हैं; दूसरी तरफ़ वो विपक्ष के जीतने पर क्या होगा कहकर जनता को डरा कर चुनाव में कुछ…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 22, 2024
अखिलेश ने लिखा, ‘एक समुदाय विशेष के बारे में नाम लेकर गलत बात कहना पूरी दुनिया में फैले उस समुदाय का अपमान है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इससे देश की सेक्युलर और लोकतांत्रिक पहचान को बहुत ठेस पहुँची है। ये एक बेहद आपत्तिजनक बयान है, जिसकी कोई माफ़ी तक नहीं हो सकती।’ उन्होंने कहा कि प्रथम चरण की वोटिंग के बाद, ये हताशा भरा बयान देश से भाजपा की सरकार जाने का सबसे पहला बयान भी है और रूझान भी है।