गरीब नवाज़ की नगरी अजमेर में मस्जिद के अन्दर पेश-इमाम की लाठी डंडे से पीट कर निर्मम हत्या, रामपुर के मूल निवासी से पेश इमाम

गौरव जैन

डेस्क: ख्वाजा नगरी के नाम से मशहूर राजस्थान के अजमेर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मस्जिद के पेश-इमाम की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। ये हत्या कहीं और नहीं बल्कि मस्जिद में ही की गई थी। घटना को अंजाम देने वाले बदमाशो की संख्या तीन बताया जा रहा है। जब ये सब हुआ तो वहां बच्चे भी थे लेकिन बदमाशों ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने कुछ कहा तो वे उन्हें मार देंगे।

पूरा मामला रामगंज थाना क्षेत्र के मोहम्मदी मदीना मस्जिद का है। मौलाना मोहम्मद माहिर मस्जिद के एक कमरे में बच्चों के साथ सो रहे थे। सुबह होने पर अंदर रह रहे बच्चे चिल्लाते हुए आए तो आसपास के लोगों को पूरा मामला पता चला। अभी तक की जानकारी में सामने आया है कि तीनों बदमाश पीछे के रास्ते से मस्जिद में दाखिल हुए और फिर हत्या कर फरार हो गए। घटना के बाद स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है। उनका कहना है कि अभी तक मौत का कारण सामने नहीं आया है।

हालांकि मस्जिद के पीछे की बाड़ से 2 लाठियां बरामद की गई हैं। फिलहाल डॉग स्क्वायड मौके से साक्ष्य जुटा रहा है। मौलाना गहरी नींद में थे इसी दौरान ये पूरी घटना घटी। जब मौलाना पर बदमाशों ने हमला किया तो मौलाना चिल्लाए जरूर लेकिन खुद को बदमाशों से नहीं बचा सके। आपको बता दें कि फिलहाल मस्जिद में ज्यादातर बच्चे ईद की वजह से घर गए हुए थे। उन्हीं मौलाना को 6 महीने पहले पेश इमाम की जिम्मेदारी दी गई थी।

मौलाना मोहम्मद माहिर रामपुर के सैफनी थाना क्षेत्र के रायपुर गांव निवासी एक कारी और हाफ़िज़ कुरआन थे। वह सात वर्ष से अजमेर के कंचन नगर की मोहम्मदी मस्जिद में रहकर इमामत करते थे। इसके साथ ही वह बच्चों को पढ़ाते भी थे। उनके पिता असलम ने बताया कि उनके तीन लड़की और तीन लड़के हैं। माहिर अपने भाइयों में मंझला है। शनिवार तड़के तीन बजे अजमेर से फोन आया कि उनके पुत्र माहिर की अज्ञात नकाबपोश बदमाशों ने लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी है।

इमाम की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया है। ग्राम प्रधान सहित कुछ परिजन शव लेने अजमेर के लिए रवाना हो गए हैं। मोहम्मद माहिर की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक के पिता का कहना है कि कुछ दिन पहले ही वह घर आया था। दो दिन पहले ही वह अजमेर गया था। किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि इस बार उनका बेटा आखिरी बार परिजनों से मिलकर जा रहा है। हत्या की जानकारी मिलने के बाद परिजनों के होश उड़ गए। माहिर अविवाहित था।

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