प्रधानमंत्री के बयान ‘कांग्रेस कर्णाटक में दलित पिछडो का आरक्षण काट कर मुस्लिमो को देना चाहती है’, पर सिद्धरमैया ने किया पलटवार, कहा ’वह एक असफल प्रधानमंत्री हैं. केवल एक अनपढ़ व्यक्ति ही इस तरह के निराधार आरोप लगा सकता है’
शफी उस्मानी
डेस्क: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये कहना कि कांग्रेस दलितों-पिछड़ों का आरक्षण लेकर मुसलमानों को दे देगी, ‘कोरी बक़वास’ है। वह 10 सालो के अपने कामो की उपलब्धी नही बता पा रहे है तो अब ‘कोरी बकवास’ कर रहे है।
बताते चले कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के सागर ज़िले में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि कांग्रेस देश में पिछड़ों की सबसे बड़ी दुश्मन है, कांग्रेस ने धर्म के आधार पर आरक्षण दिया है जबकि संविधान में इसका कोई प्रावधान नहीं है। मोदी ने कहा है कि एक बार फिर कांग्रेस ने पिछले दरवाज़े से मुसलमानों को आरक्षण दे दिया है। मोदी ने कहा, ‘सभी मुसलमान जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में रखकर कांग्रेस ने ओबीसी के आरक्षण का बड़ा हिस्सा मुसलमानों को दे दिया है।’
मोदी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धारमैया ने कहा है, ‘संविधान में आरक्षण को निर्बाध रूप से बदलना संभव नहीं है। आरक्षण का संशोधन सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर ही संभव है। अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण को संशोधित करने का अधिकार भी राज्य सरकार के हाथ में नहीं है। इसके लिए संसद के दोनों सदनों की सहमति से संविधान में संशोधन करने की जरूरत है। यह इस देश की त्रासदी है कि प्रधानमंत्री के पास ऐसा ज्ञान नहीं है।’
सिद्धारमैया ने कहा है कि ये सच है कि जस्टिस चिनप्पा रेड्डी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक़, जिसे कर्नाटक सरकार ने गठित किया था, मुसलमानों को पिछड़ी जातियों की श्रेणी 2बी में रखा गया है, ऐसा पिछले तीन दशकों की सामाजिक आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर किया गया है। जस्टिस चिनप्पा की रिपोर्ट अनुभवजन्य आंकड़ों पर आधारित थी और इस रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया था कि कर्नाटक में मुसमलानों की सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति उतनी ही पिछड़ी है जितना की अनुसूचित जातियों की। ना ही बीजेपी की सरकार जो पहले केंद्र में भी सत्ता में थी और ना ही नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार, जो दस साल से सत्ता में है, ने अब तक इस आरक्षण को कोर्ट में चुनौती दी है।’
कर्नाटक में पूर्ववर्ती बसावराज बोम्मई सरकार ने चुनावों से ऐन वक़्त पहले मुसलमानों को मिलने वाले चार प्रतिशत आरक्षण को ख़ारिज कर दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी। सिद्धारमैया ने कहा, 14 मार्च 2023 को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री नारायण स्वामी ने खुद लोकसभा को बताया कि आरक्षण बढ़ाने का ऐसा प्रस्ताव उनकी जांच के दायरे में नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सरकार के इस फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान नहीं गया? यह तथ्य कि उन्होंने पिछले दस वर्षों तक शासन किया है और उनके पास अपनी उपलब्धियों के बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है, साबित करता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक असफल प्रधानमंत्री हैं। केवल एक अनपढ़ व्यक्ति ही इस तरह के निराधार आरोप लगा सकता है।’