प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान को दोहराते हुवे बोले गृहमंत्री अमित शाह ‘कांग्रेस की नज़र देश के मठो, मंदिरों और सबकी संपत्ति पर है’, पढ़े क्या था मनमोहन सिंह द्वारा 2006 दिया गया वह पूरा वक्तव्य
ईदुल अमीन
डेस्क: भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के कांकेर में चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान के बांसवाड़ा में दिए बयान को दोहराते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी की नज़र देश के मठों, मंदिरों और सबकी संपत्तियों पर है। अमित शाह ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी को मिर्ची लगी, मोदी जी ने उनके घोषणापत्र में से सबकी संपत्ति का सर्वे करने का कहा है।’
अमित शाह ने कहा, ‘मैं आज कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूं कि आपके घोषणा पत्र में सर्वे की बात है या नहीं है। आपके प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि संसाधन पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है, आदिवासी और दलितों का नहीं है। आदिवासी दलित का नहीं है। देश भर के मठ मंदिर और सबकी संपत्ति पर जो नज़र है वो पैसा कहां जाने वाला है?’
उन्होंने कहा कि ‘मनमोहन सिंह को याद करो, उन्होंने कहा कि पैसे पर, राजस्व पर, संसाधन पर सबसे पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है। हम कहते हैं कि संसाधन पर पहला अधिकार देश के ग़रीब का है, आदिवासी का है, दलित का है, पिछड़ा समाज का है।’
क्या कहा था प्रधानमंत्री मोदी ने?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजस्थान की रैली में पूर्व प्रधानंमत्री मनमोहन सिंह के 2006 में दिए गए एक बयान का संदर्भ लेते हुए कहा था कि, ‘पहले जब उनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है, इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करके किसको बांटेंगे- जिनके ज़्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे, घुसपैठियों को बांटेंगे। क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंज़ूर है ये?’
मोदी ने कहा, ‘ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।’ इसके जवाब में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस भाषण की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि प्रधानमंत्री नफ़रत के बीज बो रहे हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा, ‘देश के प्रधानमंत्री ने आज फिर झूठ बोला। एक चुनाव जीतने के लिए आप झूठ पर झूठ परोसते चले जाओगे जनता को।’
उन्होंने कहा कि ‘चलिए आपकी गारंटियां झूठी, आपके जुमले झूठे, आपके वादे झूठे। आप देश को हिंदू-मुसलमान के नाम पर झूठ परोसकर बांट रहे हैं। मैं चुनौती देता हूं प्रधानमंत्री को कि कांग्रेस के मेनिफेस्टो में कहीं भी मुसलमान और हिंदू शब्द हो तो हमें बताएं और ये चुनौती स्वीकार करें या नहीं तो झूठ बोलना बंद करें।’
मनमोहन सिंह ने क्या कहा था?
भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने साल 2006 में राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की बैठक में भाषण दिया था। मनमोहन सिंह ने कहा था, ‘मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं- कृषि, सिंचाई-जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश और सामान्य बुनियादी ढांचे के लिए आवश्यक सार्वजनिक निवेश की ज़रूरतें। साथ ही अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्गों के उत्थान के लिए कार्यक्रम, अल्पसंख्यक और महिलाएं और बच्चों के लिए कार्यक्रम।’
उन्होंने कहा था, ‘अनुसूचित जातियों और जनजातियों को पुनर्जीवित करने की ज़रूरत है। हमें नई योजनाएं लाकर ये सुनिश्चित करना होगा कि अल्पसंख्यकों का और ख़ासकर मुसलमानों का भी उत्थान हो सके, विकास का फायदा मिल सके। इन सभी का संसाधनों पर पहला दावा होना चाहिए। केंद्र के पास बहुत सारी ज़िम्मेदारियां हैं और ओवर-ऑल संसाधनों की उपलब्धता में सबकी ज़रूरतों का समावेश करना होगा।’ ध्यान देने वाली बात यह है कि मनमोहन सिंह ने यह भाषण अंग्रेजी में दिया था और उन्होंने अधिकार या हक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था, जबकि उन्होंने अंग्रेजी में ‘क्लेम’ शब्द का इस्तेमाल किया था। यह भाषण पीएमओ आर्काइव पर उपलब्ध है।