अभी भी सुलग रही मणिपुर में हिंसा की चिंगारी, सीआरपीऍफ़ कैम्प पर हमला, दो जवान शहीद
ईदुल अमीन
डेस्क: मणिपुर में जल रही नफरत की अग्नि ठंडी होने का नाम नही ले रही है।मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में संदिग्ध कुकी चरमपंथियों के एक हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो जवानों की मौत हो गई है। इस हमले में सीआरपीएफ के दो जवान घायल भी हुए हैं। यह हमला मोइरांग थाना क्षेत्र के मैतेई बहुल नारायणसेना गांव में शनिवार तड़के क़रीब 1 बजे के आसपास किया गया।
बताते चले कि मणिपुर में पिछले साल मई से मैतेई और कुकी जनजाति के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं जबकि 50 हज़ार से ज़्यादा लोग बेघर हो गए हैं। हमले में मारे गए जवान नारायणसेना इलाके़ में तैनात सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के बताए गए हैं।
बिष्णुपुर जिले के पुलिस अधीक्षक रवि कुमार ने हमले की पुष्टि करते हुए बीबीसी से कहा, ‘हमले की यह घटना शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात करीब 12:45 बजे की है। संदिग्ध चरमपंथियों ने पहाड़ की चोटियों से नारायणसेना गांव में अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। ऐसी जानकारी है कि बम भी फेंके गए हैं क्योंकि उन्हें पता था कि वहां सीआरपीएफ़ का एक शिविर भी है।’
हमले के दौरान एक बम सीआरपीएफ़ की 128वीं बटालियन की चौकी में फट गया जिसमें दो जवानों की मौत हो गई और दो घायल हो गए। पुलिस ने मारे गए सीआरपीएफ़ जवानों की पहचान सब-इंस्पेक्टर एन सरकार और हेड कांस्टेबल अरूप सैनी के रूप में की है। इससे पहले 24 अप्रैल को राष्ट्रीय राजमार्ग -2 (इंफाल से दीमापुर) पर एक आईईडी विस्फोट हुआ था जिसमें एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया था।