गज़ा में युद्ध विराम और बंधको की रिहाई हेतु मिस्र में शुरू हुआ शांति वार्ता का एक और दौर, हमास के प्रतिनिधि भी होंगे शामिल
अनुराग पाण्डेय
डेस्क: ग़ज़ा से इसराइली बंधकों की रिहाई और युद्ध में संघर्ष विराम के लिए मिस्र में शांति वार्ता का एक और दौर चल रहा है। इस वार्ता में प्रगति के संकेत भी मिले हैं। हमास के वार्ताकार क़ाहिरा में है जहां मिस्र, अमेरिका और क़तर के मध्यस्थ इसराइल की तरफ़ से दिए गए ताज़ा शांति समझौता प्रस्ताव पर हमास की प्रतिक्रिया का इंतेज़ार कर रहे हैं।
एक फ़लस्तीनी अधिकारी ने कहा है कि समझौता इस बात पर निर्भर करता है कि इसराइल ने क्या ऐसा प्रस्ताव दिया है जिसे हमास स्वीकार कर ले। अभी ये भी स्पष्ट नहीं है कि क्या हमास अस्थायी के बजाये स्थायी संघर्ष विराम की अपनी मुख्य मांग में बदलाव करता है या नहीं। वहीं दूसरी तरफ़ इसराइल की सरकार ये कहती रही है कि समझौता होता है या नहीं, वह रफ़ाह पर आक्रमण की अपनी योजना पर आगे बढ़ेगी।
इसराइल ने दक्षिणी ग़ज़ा के रफ़ाह शहर पर हमले की योजना बनाई है। यहां 12 लाख से अधिक ग़ज़ा वासी शरण लिए हुए हैं। हमास ने पुष्टि की है कि ग़ज़ा में संघर्ष विराम से जुड़ी वार्ता दोबारा शुरू करने के लिए उसका प्रतिनिधिमंडल काहिरा जाएगा। इसराइल ने 40 दिन के लिए संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई के बदले फ़लस्तीनी कैदियों की रिहाई का प्रस्ताव दिया है।
विदेशी मध्यस्थ इसराइल के इस प्रस्ताव पर हमास के जवाब का इंतज़ार कर रहे हैं। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया है कि इसराइल ने हमास को प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है। इसराइल का कहना है कि अगर प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जाता है तो फिर वह ग़ज़ा के दक्षिण स्थित शहर रफ़ाह पर हमला करेगा। इसराइल के पीएम नेतन्याहू दावा कर रहे हैं कि हमास को मात देने के लिए रफाह पर हमला करना ज़रूरी है। हालांकि इस बात की आशंका जताई जा रही है कि अगर इसराइल रफ़ाह पर हमला करता है तो लाखों फ़लस्तीनियों की जान दांव पर लग सकती है।