अपराध ही न दर्ज कर चेतगंज पुलिस ने निकाला अपराध कम करने का नया तरीका, हथुआ मार्किट में बुज़ुर्ग महिला के दूकान का ताला तोड़ माल गायब कर दुबारा कब्ज़े की कोशिश, होटल पल्लवी के मैनेजर पर आरोप, थाने ने नही दर्ज किया ऍफ़आईआर

तारिक़ आज़मी

वाराणसी: वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के चेतगंज थाना प्रभारी के द्वारा शायद अपराध कम करने का अनोखा तरीका इस्तेमाल किया जा रहा है। वह तरीका ऐसा है कि अपराध ही न दर्ज करो तो अपराध होगा ही नहीं। इस कमाल के तरीके के कारण कुछ अच्छा हुआ या नही हुआ ये तो नहीं पता। मगर एक अबला नारी और उसकी तीन बेटियाँ दर बदर की ठोकरे खा रही है।

मामला चेतगंज थाना क्षेत्र के हथुआ मार्किट का है। सरायगोवर्धन निवासिनी बुज़ुर्ग महिला शकीला अपनी तीन बेटियों के साथ यहाँ ‘एंजल बुटिक’ नाम से बुटिक चलाती है। जहाँ महिलाओं से सम्बन्ध्ति वस्त्र आदि का कारोबार करती है। शकीला का कहना है कि यह दूकान उन्होंने खरीदा है। मगर होटल पल्लवी के मैनेजर उनसे 32 लाख रुपयों की मांग करते रहते है। मैं अपनी तीन बेटियों के साथ इस दूकान को चलाती हु और इससे अपना कुनबा पालती हु।

कल देर रात शकीला ने अपने सीसीटीवी फुटेज में देखा कि कतिपय लोग उसके दूकान का ताला तोड़ रहे है। शकीला के अनुसार यह देख कर उसकी बेटी ने पहले चेतगंज थाना प्रभारी को और चौकी इंचार्ज पान दरीबा को कॉल किया। मगर जब कोई सुनवाई नही हुई तो उच्चाधिकारियों को जानकारी दिया, जिसके बाद मौके पर वह और अन्य पुलिस फ़ोर्स पहुची। शकीला के आरोपों को आधार माने तो दूकान के सारे सामान तब तक गायब हो चुके थे। जिसको पुलिस ने होटल पल्लवी से और पिशाचमोचन पोखरे के पास से बरामद किया।

शकीला का कथन है कि इस सबके साथ ये लोग उनके दूकान का कैमरा, डीवीआर और लगभग 6 लाख का माल चोरी कर लिए। यह लोग हमारी दूकान पर गुंडागर्दी के बल पर कब्ज़ा करना चाहते है। हम गरीब और कमज़ोर लोग है और ये लोग बाहुबली है। इसके पहले 13/14 अप्रैल के रात में भी ऐसे ही ताला तोड़ कर चोरी हुई थी। जिसकी ऍफ़आईआर दर्ज है। मगर पुलिस ने कोई कार्यवाही नही किया है। आज फिर ऐसी घटना हो गई है। शकीला के अनुसार कल रात को माल ले जाते हुवे एक व्यक्ति को पुलिस ने रंगे हाथो पकड़ा था। मगर हमारी ऍफ़आईआर नहीं दर्ज हो रही है।

क्या कहते है थाना प्रभारी चेतगंज ?

इस मामले में थाना प्रभारी चेतगंज डॉ आशीष कुमार मिश्रा से हमने जब फोन पर बात किया तो उन्होंने घटना को तो स्वीकार किया। मगर कार्यवाही के बात पर कहा कि ‘यह मामला किरायदारी के विवाद का है, मामले में जांच की जा रही है। जो उचित कार्यवाही होगी वह की जायेगी।’

इस्पेक्टर चेतगंज के बयान में है अधुरा सवाल

इस्पेक्टर चेतगंज के बयान को अगर आधार मान लेते है कि मामला किरायदारी विवाद से सम्बंधित है, तो अपराध तब भी हुआ। किरायदारी का विवाद संपत्ति से सम्बंधित है। जिसमे बेशक पुलिस खुद के पहल पर कुछ नही कर सकती है। मगर बीती देर रात जो हुआ वह तो खुला खुला अपराध है और जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। किसी के ताले तो तोड़ कर उसका सामान को गायब कर देने का अपराध आईपीसी की किस धारा में आता है ये इस्पेक्टर साहब को भली भांति पता होगा।

रही माल की बरामदगी तो पुलिस ने तो वह कल रात ही कर लिया था। फिर अपराध पंजीकृत न करके क्या इस्पेक्टर साहब अपने क्षेत्र के अपराध का ग्राफ नीचा कर रहे है? अगर ये तरीका अपराध कम करने का है, तो बेशक एकदम नया तरीका है फिर। देखना तो ये होगा कि इन्साफ की गुहार लगाती बुज़ुर्ग महिला शकीला के लिए कोई अधिकारी आगे आता है, या फिर महिलाओं के हितो और उनके सम्मान की बाते सिर्फ प्रेस कांफ्रेंस और भाषणों तक की शोभा बनेगी।

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