मणिपुर में आफत-दर-आफत: हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में चक्रवात के कारण भीषण बाढ़, 2 की मौत, देखे तस्वीरे

मो0 कुमेल

डेस्क: मणिपुर की राजधानी इंफाल और इसके आसपास के इलाके हाल के दिनों में सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहें हैं। पिछले दो दिनों से भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में चक्रवाती तूफान रेमल ने काफ़ी तबाही मचाई है। इसके साथ ही इंफाल घाटी में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं।

वहीं, पहाड़ी ज़िले सेनापति में तूफ़ान से जुड़ी घटनाओं में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई है। इस बीच बचाव कार्य में जुटे एनडीआरएफ़, असम राइफ़ल्स और राज्य आपदा बचाव टीम के लोग बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान तक ले जाने के काम में जुटे हुए है। इंफाल शहर में रहने वाले के। ओनिल ने बताया कि 2015 के बाद यह सबसे बड़ी बाढ़ है जिसका पानी 16 लाख आबादी वाले इंफाल शहर के 80 फ़ीसदी इलाकों को प्रभावित किया है।

पाओना बाज़ार इलाका बाढ़ के पानी में डूब गया है। बाढ़ के पानी से राजभवन तक जलमग्न हो गया है। इंफाल शहर के अधिकांश लोग इस समय अपना सामान और वाहन लेकर कांगला इलाके में शरण लिए हुए हैं। मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने एक्स पर लिखा, ‘पिछले 48 घंटों में चक्रवाती तूफान रेमल के कारण लगातार बारिश से घाटी और पहाड़ी स्थानों में घरों और संपत्तियों से संबंधित हुए नुकसान से मैं बहुत चिंतित और दुखी हूं, जिसने मणिपुर के लोगों के जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है।’

उन्होंने कहा, ‘मैं सभी नागरिकों से धैर्य रखने और शांति व्यवस्था बनाए रखने का आग्रह करती हूं। राज्य सरकार स्थिति को खराब होने से रोकने और प्रभावित लोगों तक हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए वचनबद्ध है।’ राज्य आपदा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इंफाल नदी के उफ़ान पर होने से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं और सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है। प्रभावित हुए लोगों ने निकटवर्ती सामुदायिक भवनों में शरण ले रखी है।

दरअसल, पिछले करीब एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के कारण इंफाल ईस्ट ज़िले में केरांग, खाबाम और लैरीयेंगबाम लेइकाई क्षेत्रों के पास नदी का किनारा टूट गया है और पानी कई इलाकों में घुस गया है, जिससे सैकड़ों घर जलमग्न हो गए हैं। मुख्यमंत्री एन0 बीरेन सिंह ने मीडिया से कहा कि कई इलाकों में नदी के तटबंध टूटने के कारण एक बड़ी आबादी और मवेशी प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री सिंह ने राज्य के विभिन्न बाढ़ क्षेत्रों में बचाव अभियान चलाने और बहुमूल्य जीवन बचाने में स्थानीय अधिकारियों का समर्थन करने के लिए एनडीआरएफ़, भारतीय सेना और असम राइफल्स की टीमों की सराहना की है।

मुख्यमंत्री सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, ‘एनडीआरएफ के 40 कर्मी और 6 अतिरिक्त मोटरबोट भी इंफाल पहुंच गए हैं। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे बचाव दल को सहयोग प्रदान करें क्योंकि वे सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना कर्तव्य निभा रहे हैं।’ स्थानीय लोगों का कहना है कि मणिपुर में 1988 और 2015 के बाद आई यह सबसे भीषण बाढ़ है।

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