गाजीपुर जिलाधिकारी साहिबा..! ये तस्वीर बताती है कि चुनावो में आचार संहिता का उलंघन हो रहा है
शहनवाज़ अहमद
डेस्क: गाजीपुर में चुनावी बिगुल फुक चूका है। अंसारी परिवार का गढ़ माने जाने वाले गाजीपुर में सपा ने अपने प्रत्याशी के तौर पर अफजाल अंसारी को टिकट दिया है। अफजाल अंसारी वर्त्तमान सांसद है और 5 बार के पूर्व विधायक दिवंगत मुख़्तार अंसारी के बड़े भाई है। वही भाजपा ने पारस नाथ राय को अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि बसपा ने उमेश सिह पर दाव खेला है। वही दूसरी तरफ अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत अंसारी ने निर्दल नामांकन किया है।
इस दरमियान चुनाव आयोग लगातार लेवल गेम की बात कहता है। मगर चुनाव आयोग के कड़े निर्देशों की शायद अब सरकारी तंत्र को कोई परवाह नही रह गई हैं। अभी भी खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है। लेकिन इसे रोकने में फिलहाल जिला निर्वाचन असफल ही साबित हो रही है। चुनाव आयोग ने आचार संहिता लगने के 24 घंटे के तक भी सरकारी संपत्ति व 48घंटों तक सभी सार्वजनिक स्थानों से पार्टी के प्रचार करने वाले पोस्टर बैनर हटाने के निर्देश दिए थे।
लेकिन इसके बाद भी स्थानीय चुनाव में लगे कर्मचारियों की लचर कार्यप्रणाली से खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा हैं। रेलवे स्टेशन रोड के पास खुलेआम जन औषधि पर लगे मोदी के पोस्टर आचार्य संहिता का उल्लंघन हो रहा है। यह मार्ग सबसे व्यस्त मार्ग है। इस मार्ग से जिले के सभी आला अधिकारी गुजरते है। जो चुनाव को पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के दावे कर रहे हैं। इसके बाद भी किसी तरह की कार्रवाई न होना चिताजनक है। अब ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अगर चुनाव में लगी सरकारी तंत्र का रुख ही ऐसा है तो पारदर्शी तरीके से चुनाव कैसे संपन्न होंगे।
पारदर्शिता को लेकर ज़रूर जिला निर्वाचन अधिकारी और जनपद के आला अधिकारियों को सोचना और गंभीर होना चाहिए। लोकतंत्र के इस महापर्व पर लेवल प्ले होना ही चाहिए। यदि एक दल को इस प्रकार से छुट मिलती है तो फिर कैसे मामला पारदर्शी हो सकता है। अब देखना होगा कि सोशल मीडिया पर वायरल होते इस फोटो को प्रशासन संज्ञान लेगा कि नही लेगा।