मणिपुर हिंसा: सीबीआई ने तो दाखिल कर दिया चार्जशीट, केंद्र सरकार द्वारा गठित आयोग की जाँच कहा तक पहुची?
प्रमोद कुमार
डेस्क: मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष की व्यापक जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते जून महीने में गौहाटी हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। इस समय जांच आयोग के सदस्य पीड़ित परिवारों की जानकारियां इकट्ठा कर रहे हैं और जल्द ही हिंसा प्रभावित इलाकों में जन-सुनवाई का काम शुरू होगा।
बीबीसी ने अपनी खबर में कहा है कि उससे एक अधिकारी ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया है कि ‘आयोग मणिपुर हिंसा की जांच न्यायिक प्रक्रिया के ज़रिए कर रहा है। हिंसा पीड़ित लोगों की तरफ से अब तक 11 हज़ार से ज़्यादा हलफनामे प्राप्त हुए हैं। ऐसी कई गंभीर बातें सामने आई हैं जिनका मीडिया में खुलासा नहीं किया जा सकता। अभी इन मामलों पर जन सुनवाई शुरू होना बाकी है।’
एक सवाल के जवाब में अधिकारी ने बताया कि 4 मई को जिन दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने और उनके साथ यौन उत्पीड़न की घटना हुई थी उनकी तरफ से भी आयोग को हलफनामे प्राप्त हुए हैं। फिलहाल इस समय जांच आयोग के सदस्य पीड़ित परिवारों की जानकारियां इकट्ठा कर रहे हैं और जल्द ही हिंसा प्रभावित इलाकों में जन-सुनवाई का काम शुरू होगा।