इंडियन एक्सप्रेस को दिए साक्षात्कार में ये क्या बोल गए जेपी नड्डा…..? बोले नड्डा ‘पार्टी जब विकसित हुई तब आरएसएस की ज़रूरत थी, अब पार्टी सक्षम है अपना काम खुद चलाती है’

तारिक़ आज़मी

डेस्क: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का एक साक्षात्कार अचानक सुर्खियों में है। साक्षात्कार के सुर्खियों में रहने का मुख्य कारण ये है कि जेपी नड्डा उस संघ के लिए बोल गए, जिस संघ ने भाजपा के स्थापना से लेकर अब तक हर मोड़ पर उसका साथ दिया। सियासत में ज़मीनी स्तर पर संघ ने अपनी सेवाए भाजपा को प्रदान किया है। इस सम्बन्ध में भाजपा के किसी अन्य नेता का अभी बयान नही आया है।

इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संघ के सम्बन्धित सवाल पर कहा है कि पार्टी जिस समय विकसित हुई है, तब उसको आरएसएस की ज़रूरत थी। मगर अब वह (पार्टी) ‘सक्षम’ हो चुकी है और अपना काम खुद चलाती है। संघ एक वैचारिक मोर्चा है और अपना काम करता है।

इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक सवाल ‘प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय और अब के बीच आरएसएस की उपस्थिति कैसे बदल गई है’, का जवाब देते हुवे इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि ‘शुरू में हम अक्षम होंगे, थोड़ा कम होंगे, आरएसएस की जरूरत पड़ती थी… आज हम बढ़ गए हैं, सक्षम हैं… तो बीजेपी अपने आप को चलाती है।

इंडियन एक्सप्रेस द्वारा सवाल पूछा गया कि ‘क्या भाजपा को अब आरएसएस के समर्थन की जरूरत नहीं है’, के जवाब में जेपी नड्डा ने कहा कि ‘देखिए, पार्टी बड़ी हो गई है और सभी को अपने-अपने कर्तव्य और भूमिकाएं मिल गई हैं। आरएसएस एक सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है और हम एक राजनीतिक संगठन हैं। वो वैचारिक रूप से अपना काम करते हैं, हम अपना। हम अपने मामलों को अपने तरीके से प्रबंधित कर रहे हैं, और राजनीतिक दलों को यही करना चाहिए।‘

इंडियन एक्सप्रेस के इस साक्षात्कार में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधान मंत्री के विकास एजेंडे से लेकर भाजपा के दक्षिणपंथ, संविधान से लेकर राजनीतिक नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई आदि मुद्दे पर अपना नजरिया रखा। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि भाजपा की मथुरा और काशी में विवादित स्थलों पर मंदिर बनाने की कोई योजना है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुवे कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला किया है कि पार्टी का ध्यान गरीबों, शोषितों, दलितों, महिलाओं, युवाओं, किसानों और समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों पर होगा। इन वर्गों को मुख्यधारा में लाया जाना चाहिए और सशक्त बनाया जाना चाहिए। हमें उन्हें मजबूत करना होगा।‘

जेपी नड्डा के इस बयान पर अभी संघ के तरफ से कोई बयान जारी नही हुआ है। बताते चले कि लोकसभा चुनावो के दरमियान बयानों के दौर में कई मुद्दे ऐसे भी उठे है जो विवादस्पद है। जैसे हेमंता बिस्वा सरमा द्वारा काशी और मथुरा का ज़िक्र किया गया, वही उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा मथुरा का ज़िक्र करते हुवे 6 माह के समय की बात किया गया है।

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