क्या जेहालत है…? 20 साल पहले मृत युवक की आत्मा लेने तांत्रिको के साथ अस्पताल पहुचे परिजन, गेट पर करते रहे घंटो तक तांत्रिक क्रिया, मूकदर्शक बना रहा अस्पताल प्रबंधन और कर्मचारी
तारिक़ खान
डेस्क: अंध विश्वास और जाहिलपन के कई किस्से आपने सुने और देखे होंगे। मगर राजस्थान के अलवर में बीते इस घटना को जानकार आप आश्चर्य से चौक उठेगे। अलवर स्थित एक अस्पताल के मुख्य द्वार पर तांत्रिक क्रिया किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि 20 साल पहले एक मृत व्यक्ति के परिजन उसकी आत्मा लेने आए थे।
घटना कोटपूतली जिले के बहरोड़ जिला अस्पताल में ओपीडी समय के बाद मुख्य द्वार पर हुई। यहाँ घंटों तक तांत्रिक तंत्र क्रिया करता रहा और किसी ने उसे टोका तक नहीं। जबकि अस्पताल प्रबंधन मौके पर मौजूद था। तंत्र क्रिया करते तांत्रिक का वीडियो हुआ वायरल। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि तीन गाड़ियों से आये दो दर्जन से अधिक महिला-पुरुष तांत्रिक क्रिया में लगे थे। लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं मिला।
मिली जानकारी के अनुसार भीलवाड़ा जिले के एक गांव के युवक की करीब 20 साल पहले बहरोड़ में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। जिसके बाद कुछ तांत्रिकों ने मृत युवक के परिजनों को उसकी आत्मा की शांति और उसकी आत्मा से छुटकारा पाने के लिए अस्पताल में तांत्रिक अनुष्ठान करने के लिए कहा। जिस पर करीब 15 से 20 किलोमीटर दूर रहने वाले मृतक के परिजन तीन गाड़ियों में जिला अस्पताल बहरोड़ पहुंचे।
अस्पताल संचालित होता देख तांत्रिकों ने कोई तांत्रिक क्रिया नहीं की और जैसे ही अस्पताल में मरीजों व अन्य लोगों की आवाजाही कम हो गई, वे दोपहर दो बजे से साढ़े तीन बजे के बीच तंत्र क्रिया कर आत्माओं को शांत करते रहे। लेकिन इस दौरान अस्पताल के कर्मचारी समेत अन्य लोग तमाशबीन बने खड़े रहे और किसी ने भी अस्पताल परिसर में चल रही तांत्रिक क्रिया के बारे में पुलिस से शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटाई। जबकि जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के साथ-साथ अन्य वार्डों में भी स्टाफ मौजूद था। जिन्हें आने वाले मरीजों ने इसकी जानकारी दी।
लेकिन इसके बाद भी अस्पताल परिसर में एक घंटे से अधिक समय तक तांत्रिक क्रिया चलती रही। लोगों ने अस्पताल में चल रही तंत्र-मंत्र गतिविधियों की जानकारी कोतवाली पुलिस को भी देना उचित नहीं समझा। उधर, जिला अस्पताल प्रभारी सतबीर यादव ने कहा कि वह शनिवार को छुट्टी पर थे और उन्हें अस्पताल परिसर में किसी तांत्रिक क्रिया होने की जानकारी नहीं थी। वहीं अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ने कोई जानकारी नहीं दी है। यदि ऐसी कोई घटना हुई है तो सूचना न देने पर ड्यूटी पर तैनात स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।