बाद नमाज़ जुमा ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी के प्रतिनिधि मंडल ने मुफ़्ती-ए-शहर मौलाना बातिन नोमानी के नेतृत्व में दिवंगत महंत कुलपति तिवारी के शोक संतप्त परिजनों से मिल दिया संतावना
जैफ खान ‘समीर’
वाराणसी: आज शुक्रवार को ज्ञानवाफी मस्जिद में नमाज़ के बाद अंजुमन मसाजिद का एक प्रतिनिधि मंडल मुफ्ती-ए-शहर एवं इमाम व ख़तीब जामा मस्जिद ज्ञानवाफी मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी के नेतृत्व में पूर्व महन्त कुलपति तिवारी के आवास पर उनके देहावसान पर शोक संतप्त परिवार को सान्तवना देने पहुचे। जहा दिवंगत कुलपति तिवारी के पुत्र से मिलकर अपने मुस्लिम समुदाय की जानिब से संवेदना प्रकट किया।
मौलाना बातिन नोमानी ने पूर्व महंत कुलपति तिवारी के नगर की सामाजिक जीवन में योगदान की सराहना किया। कहा कि वह बनारस की गंगा-जमुनी तहज़ीब को बढ़ाने में सदैव तत्पर रहते थे। उनका मुसलमानों से बहुत अच्छा सम्बंध रहा है, यहां यह बताना आवश्यक है अपने जीवन काल में वह कई बार मौलाना अरशद मदनी से मिलने गए।
उन्होंने कहा कि कुछ माह पूर्व भी वह भानू मिश्रा के साथ देवबंद गए थे। मुफती साहब ने आशा जताई कि मरहूम का परिवार भी उनके नक्शेकदम पर चलते हुए बनारस में हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए काम करेगा। एम एम यासीन ने बताया कि इस मीटिंग के दौरान ही महंत राजेन्द्र तिवारी जिन्हें लोग प्यार से बबलू भैया भी कहते हैं आ गये थे। इनका भी काशी की गंगा जमुनी तहज़ीब को बढ़ावा देने में बड़ा योगदान है और निष्पक्ष व निर्भीक बातों के लिए जाने जाते हैं।
अंत में दिवंगत महंत कुलपति तिवारी के पुत्र ने मुस्लिम समुदाय द्वारा जताई जा रही एकजुटता के लिए आभार प्रकट किया। इस प्रतिनिधिमंडल में मुफ्ती साहब के साथ शमशेर अली, नक़ीब आलम, ऐजाज़ मोहम्मद इसलाही वगैरह शामिल थे।