हनी ट्रैप में माहिर है खुबसूरत लेडी डॉन अनु, दिल्ली शूट आउट मामले में पुलिस कर रही उसकी तलाश, मगर हवा के झोके की तरह हो गई है लापता
तारिक़ आज़मी
डेस्क: दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके के बर्गर किंग में 18 जून की शाम गोलियों की तडतडाहट के बीच एक युवक की हत्या कर दिया गया है। घटना में करीब 40 राउंड गोलियां चली थीं। शुरुआत में वेस्ट डिस्ट्रिक पुलिस ने मामले की जांच की। सीसीटीवी खंगाले। इसके बाद आरोपियों की पहचान की गई। पता चला कि मरने वाला का नाम अमन था और उसका आपराधिक इतिहास भी था।
सीसीटीवी देख कर पुलिस को ये भी पता चला कि घटना के वक्त उसके साथ रेस्टोरेंट में एक लड़की भी मौजूद थी। पर चूंकि घटना के फौरन बाद लड़की मरने वाले गैंगस्टर का मोबाइल और आईडी कार्ड लेकर मौके से फरार हो गई थी लिहाजा पुलिस ने उसकी तलाश में आसपास के सीसीटीवी खंगाले। रेलवे स्टेशन, बस अड्डा और एयरपोर्ट तमाम जगहों पर पुलिस को अलर्ट कर दिया गया।
आरोपियों की तस्वीरें भी कई ग्रुप्स में साझा की गईं। आरोपी किस रूट से भागे होंगे, इसे लेकर भी पुलिस ने जांच शुरू कर दी। संभावित रूटों पर मौजूद सीसीटीवी चेक किए गए। पीसीआर को अलर्ट किया गया। स्थानीय पुलिस को इलाके में बैरिकेडिंग के आदेश भी दिए गए। जिस बाइक से आरोपी आए थे, उसका नंबर ट्रेस करने की कोशिश भी साथ-साथ चल रही थी। मृतक के मोबाइल फोन के जरिये भी सुराग तलाशे जाने लगे। पुलिस ने डंप डाटा इकट्ठा किया। उसकी भी जांच शुरू हुई।
इस बीच पुलिस को आरोपी गैंगस्टर हिमांशु भाऊ का एक पोस्ट मिला, जिसके जरिये उसने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी। अब तक ये माना जा रहा है कि गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के गुर्गों ने मृतक अमन को मौत के घाट उतार दिया था। पर सवाल था कि अमन के साथ शूटआउट के वक्त मौजूद लड़की कौन थी? क्या वो भी इस हत्याकांड में शामिल थी? घटना के बाद वो कहां चली गई? पुलिस को ये सवाल परेशान कर रहे थे। इतने में पुलिस ने लड़की की पहचान अनु धनखड़ के रूप में कर ली। हिमांशु भाऊ के करीबी जो जेलों में बंद हैं, उनसे पता चला कि 24 साल की अनु, हिमांशु भाऊ की करीबी है। पुलिस ने उसका मोबाइल नंबर ढूंढ निकाला। फिर उसकी लोकेशन ट्रेक करने की कोशिश की गई।
ऐसा माना जा रहा है कि गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के गुर्गों ने 26 साल के अमन जून को राजौरी गार्डन के बर्गर किंग में एक प्लान के तहत धोखे से बुलाया और उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। जांच में अब ये बात सामने आई है कि अमन के अलावा टारगेट पर एक और आरोपी मलिक भी था, लेकिन उसकी किस्मत अच्छी थी कि वो बच गया। दरअसल, पुलिस अनु का मोबाइल रिकार्ड खंगाल रही थी तो उन्हें उसमें मलिक का नंबर दिखा। मलिक को पूछताछ के लिए बुलाया तो उसने कई खुलासे किए। अमित ने बताया कि उसकी अनु से दोस्ती थी। दोनों सोशल मीडिया के मार्फत मिले थे।
सूत्रों का कहना है कि अनु ने कुछ हफ्ते पहले अमित को मुखर्जी नगर के एक रेस्तरां में मिलने के लिए कहा था, लेकिन वो नहीं आ सका। जांच में बात सामने आई कि मलिक का चचेरा भाई अमित बैसवाल, राजेश सरकारी गिरोह से जुड़ा हुआ है। राजेश गिरोह और भाऊ की दुश्मनी है। ऐसा माना जा रहा है कि भाऊ मलिक और जून दोनों को निपटाना चाहता था। इस वजह से अनु दोनों के संपर्क में थी। दरअसल, भाऊ अमन को इसलिए अपना दुश्मन मानता था, क्योंकि उसने गैंगस्टर नीरज बवाना के रिश्तेदार शक्ति की मुखबिरी की थी। शक्ति को दूसरे गैंग के लोगों ने मार गिराया था। तभी से भाऊ उससे बदला लेना चाहता था।
मलिक ने बताया कि अनु ने कहा था कि उसका भाई दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात है। वो बैसवाल से मिलना चाहता है। बैसवाल रोहतक में सक्रिय है। अनु ने कहा था कि बैसवाल को पुलिस पकड़वाना नहीं चाहती है। अनु की लास्ट लोकेशन जम्मू के कटरा रेलवे स्टेशन की मिली है। ये लोकेशन 20 जून की है। एक फुटेज में वह चेहरे को स्कार्फ से ढके हुए, सूटकेस और बैकपैक लेकर तेजी से प्लेटफार्म की ओर बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। जांच में साफ हुआ है कि धनखड़ सड़क और ट्रेन के माध्यम से अलग-अलग मार्ग लेने के बाद कटरा पहुंची।
कटरा से वो एक गर्ल्स हॉस्टल में गई। वहां उसने रुकने की कोशिश की। संबंधित व्यक्ति ने उससे आई कार्ड मांगा। अनु ने कहा कि वो मोबाइल पर आईडी मंगवा लेती है, लेकिन इसके लिए उसे इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत पड़ेगी। जैसे ही अनु धनखड़ हॉस्टल के वाईफाई से कनेक्ट हुई, क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल के अधिकारियों को पता चल गया कि वह कहां है। इस बीच 20 जून की शाम को अनु ने वो जगह छोड़ दी। इसके बाद वो कहां गई, इसके बारे में पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।