उत्तर प्रदेश में जिन सरकारी कर्मचारियों की नौकरी के विज्ञापन 28 मार्च, 2005 से पहले जारी किए गए थे उनको मिलेगा पुराने पेंशन स्कीम का आप्शन
ईदुल अमीन
डेस्क: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुवे घोषणा किया है कि जिन सरकारी कर्मचारियों की नौकरी के विज्ञापन 28 मार्च, 2005 से पहले जारी किए गए थे, उनको पुराने पेशन स्कीम के तहत पेंशन मिलेगी। यह घोषणा ऐसे समय हुई है जब देश के कई राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की मांग लगातार उठ रही है।
इस घोषणा में कहा गया है कि इसमें कहा गया है कि एक तय तारीख तक जिन भर्तियों का विज्ञापन जारी किया गया है, उन्हें पुरानी पेंशन का विकल्प दिया जाएगा। यह फैसला यूपी सकार ने मंगलवार को आयोजित की गई कैबिनेट बैठक में लिया है। 25 जून को लखनऊ में हुई कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है कि जिन सरकारी कर्मचारियों की नौकरी के विज्ञापन 28 मार्च, 2005 से पहले जारी किए गए थे, उनको पुरानी पेंशन लेने का ऑप्शन दिया जाएगा।
मीटिंग में इससे संबंधित प्रस्ताव को पास कर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया, हालांकि, इस मामले पर इससे पहले उत्तर सरकार का रुख ठीक विपरीत रहा है। पिछले साल अगस्त के महीने में प्रदेश की योगी सरकार ने कहा था कि यूपी में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू नहीं किया जाएगा। विधानसभा में पुरानी पेंशन योजना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने साफ़ किया था कि वो OPS बहाल नहीं करेगी।
राज्य सरकार का कहना था कि न्यू पेंशन स्कीम से कर्मचारियों को ज़्यादा फ़ायदा हो रहा है। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने समाजवादी पार्टी की तरफ से उठाए गए प्रश्न का जवाब देते हुए कहा था कि 2005 में सपा की सरकार में राज्य कर्मचारी संगठनों की सहमति से नई पेंशन योजना शुरू की गई थी। उन्होंने बताया कि नई पेंशन योजना में कर्मचारियों को निवेश के बदले 9% से ज़्यादा का फ़ायदा मिल रहा है।