जाने क्या सेगोल और नेहरू का कोई कनेक्शन है जिसको संसद से हटाने की मांग हुई, पढ़े इस मांग पर किसने क्या कहा

आफताब फारुकी

डेस्क: सदन से सेंगोल हटाने की मांग सपा सांसद आरके चौधरी ने किया है। सांसद आरके चौधरी का मत है कि सेंगोल राजतन्त्र का प्रतीक है और देश में लोकतंत्र है। वही भाजपा सेंगोल की स्थापना और नेहरू कनेक्शन की बात करती है। इस सम्बन्ध में अमित शाह ने कहा था कि नेहरू ने इसे अंग्रेजो से भारत को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर स्वीकार किया था।

मई 2023 में पीएम मोदी ने संसद के नए परिसर में सेंगोल को स्थापित किया था। पीएम मोदी ने तब तमिलनाडु के अधीनम मठ से सेंगोल स्वीकार किया था और इसे लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया था। तब अमित शाह ने दावा किया था कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 को तमिल पुजारियों के हाथों सेंगोल स्वीकार किया था। मगर जानकारों का कहना था कि नेहरू ने इसे सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर स्वीकार किया होगा, इसकी संभावना ना के बराबर है।

क्या है मुद्दा और किसने क्या कहा

समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने संसद में सेंगोल की जगह संविधान रखने की मांग की है। आरके चौधरी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘हम अंबेडकरवादी हैं। बाबा साहेब ने संविधान लिखा है। जब से देश में संविधान लागू हुआ है। तब से देश में लोकतंत्र है लेकिन बीजेपी सरकार, ख़ासकर पिछली सरकार ने मोदी जी के नेतृत्व में उस संसद भवन में स्पीकर के बैठने की जगह के बगल में सेंगोल स्थापित कर दिया है। सेंगोल तमिल शब्द है, जिसका हिंदी में अर्थ है राजदंड। यानी राजा की छड़ी। कभी राजा अपने दरबार में बैठता था तो फैसला करके डंडा पीटता था। अब इस देश में राजाओं के सरेंडर करने के बाद देश आज़ाद हुआ है। अब देश संविधान से चलेगा। न कि राजा के डंडे से चलेगा।’

इस सम्बन्ध में बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा, ‘ये जो ताकत मिले, जीत मिले, बहुत अच्छी बात है। लेकिन इन लोगों की बुद्धि ऐसी हो गई है कि ये प्रभुराम को ही रिप्लेस कर रहे थे। उस दिन तो इन्होंने अपने सांसद की ही तुलना प्रभुराम से कर दी थी तो पूरी मति भ्रष्ट हो रही है। बोलते हैं न कि शुरू नहीं हुए और ख़त्म होने की तैयारी हो गई।’

वही यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर कहा, ‘भारत के इतिहास और संस्कृति का समाजवादी पार्टी सम्मान नहीं करती है। सपा के शीर्ष नेताओं का सेंगोल को लेकर दिया बयान निंदनीय है। ये तमिल संस्कृति के लिए इंडिया गठबंधन की नफरत को भी दिखाता है। सेंगोल भारत का गर्व है।’

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