भारी बारिश के कारण इंदिरा गाँधी हवाई अड्डे के टर्मिनल-एक का हिस्सा गिरने से एक की मौत, 8 घायल, कई उड़ाने रद्द, मंत्रालय ने जारी किया एडवाइज़री

आफताब फारुकी

डेस्क: शुक्रवार तड़के भारी बारिश के बीच इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-एक की छत का एक हिस्सा गिर गया था। इस घटना में एक शख्स की मौत हो गई और आठ लोग घायल हुए। हादसे के बाद टर्मिनल-एक से जाने वाली उड़ानों को रद्द कर दिया गया और टर्मिनल को अस्थायी तौर पर बंद किया गया है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने बताया कि मृतक व्यक्ति के परिजन को 20 लाख रपये के मुआवज़े़ की घोषणा की गई है, वहीं घायलों के लिए तीन-तीन लाख की मदद का एलान किया गया है।

इसके बाद शुक्रवार शाम को मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने इस हादसे के बाद अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की है। नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि दिल्ली में इंदिरा गांधी हवाईअड्डे के टर्मिनल-एक का एक हिस्सा गिरने के बाद मंत्रालय नए सुरक्षा नियमों और दरों को लेकर एडवाइज़री जारी कर सकती है। मंत्रालय ने कहा है कि हवाई अड्डों पर इस तरह के ढांचों की जांच की जाएगी।

मंत्रालय ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। मंत्रालय ने बयान में कहा है कि मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए और आने वाले वक्त में यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए बैठक में कई अहम फ़ैसले लिए गए हैं।

टर्मिनल-टू और टर्मिनल-थ्री के सुचारू रूप से काम करने के लिए एक वॉर रूम बनाया जाएगा जो मंत्रालय की निगरानी में काम करेगा। ये वॉर रूम ये सुनिश्चित करेगा जिन यात्रियों की उड़ान रद्द हुई है उन्हें टिकट का पैसा लौटाया जाए या फिर उड़ान का कोई और विकल्प दिया जाए। पैसा लौटाने के लिए सात दिनों का वक्त तय किया गया है। मंत्रालय ने वॉर रूम के हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।

मंत्रालय ने कहा है कि यात्रियों की सहूलियत पहली प्राथमिकता है। जब तक टर्मिनल-एक अस्थायी तौर पर बंद है तब तक उड़ानें टर्मिनल-2 और टर्मिनल-3 से चलेंगी। इसके लिए ख़ास व्यवस्था की जा रही है।  मंत्रालय ने कहा है कि एयरलाइन कंपनियां ये सुनिश्चित करें कि इस कारण यात्री किराए में बढ़ोतरी न हो। एयरपोर्ट ऑथोरिटी से कहा गया है कि वो सभी छोटे-बड़े हवाईअड्डों को विस्तृत स्ट्रक्चरल जांच के आदेश दे।

ये जांच दो से पांच दिन में ख़त्म कर रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपी जानी है। आईआईटी दिल्ली के स्ट्रक्चरल इंजीनियरों से कहा गया है कि वो दिल्ली हवाईअड्डे पर हुए हादसे की प्रारंभिक जांच करें। इस प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच की जाएगी। वहीं जबलपुर हवाईअड्डे पर हुए हादसे की जांच एयरपोर्ट ऑथोरिटी करेगी। एक दिन पहले जबलपुर हवाईअड्डे की छत गिर गई थी।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने मौके पर हालात का जायज़ा लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये ढांचा 2009 में बना था और हमने दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड से भी कहा है कि वो अपनी तरफ से जांच करें। हम सब कुछ इनके ऊपर ही नहीं छोड़ रहे हैं। मंत्रालय की तरफ से डीजीसीए जो सुरक्षा की निगरानी भी करता है, वो भी इस जांच का हिस्सा होंगे और हमें रिपोर्ट देंगे। मंत्रालय की तरफ़ से मैं आपको आश्वासन दिलाता हूं कि इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।’

उन्होंने कहा कि ‘न सिर्फ ये एयरपोर्ट बल्कि देशभर में हर वो एयरपोर्ट जहां पर ऐसे ढांचे हैं हम उन सबको फिर से देखेंगे और सभी ऐसे एयरपोर्ट्स की जांच करेंगे।’ केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने दुर्घटना में जान गंवाने वालों और घायलों के लिए मुआवज़े का एलान भी किया। मृतकों के लिए 20 लाख रुपये और घायलों को 3 लाख रुपये देने की घोषणा की गई है।

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