उफ़ ये अंधविश्वास…! मृत बच्ची का शव कब्र से निकाल शव लेकर पहुचे अस्पताल और किया हंगामा, कहा बच्ची जिंदा है इलाज करो, महिला ओझा करने लगी बच्ची को जिंदा करने के लिए अस्पताल में तंत्र क्रिया
अनिल कुमार
डेस्क: बिहार के भागलपुर के निकट नवगछिया में तंत्र मंत्र के चक्कर में पड़े एक परिवार की अजीब हरकत चर्चा का विषय बनी हुई है। एक दिन पहले इस परिवार की एक बच्ची की बीमारी के कारण मौत हो गई थी, जिसे परिजनों ने मिट्टी में दफना दिया था, लेकिन एक तंत्र-मंत्र करने वालों ने उसको भरोसा दिलाया कि बच्ची जिंदा है। इसी बहकावे में आकर परिजनों ने मृत बच्ची को जमीन से निकालकर अस्पताल में लाकर हंगामा मचा दिया और कहा कि बच्ची जिंदा है। मामला यहीं नहीं रुका, तंत्र-मंत्र करने वाला ग्रुप अस्पताल पहुंच गया और मृत बच्ची को काले जादू से जिंदा करने का दावा करने लगा।
नवगछिया थाना क्षेत्र के नोनिया पट्टी निवासी भगवाना महतो की 10 माह की बेटी हर्षिता कुमारी का पिछले दो दिनों से नवगछिया के एक निजी क्लीनिक में इलाज चल रहा है, जहां शुक्रवार को उसकी तबीयत खराब होने के बाद परिजन उसे भागलपुर के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया।
जिसके बाद परिजन उसे नवगछिया ले आए और शाम करीब 4 बजे मिट्टी में दफना दिया। लेकिन ओझा महिला सोनी देवी ने दावा किया कि मेरे शरीर पर भक्त आते हैं और उसने कहा है कि आपकी बेटी जिंदा है, उसे अस्पताल ले जाओ, मैं मृत बच्ची को जिंदा कर दूंगी। जिसके बाद परिजन उसके झांसे में आ गए और मिट्टी में दफन बच्ची को जमीन से बाहर निकाला और सैकड़ों ग्रामीणों के साथ अनुमंडल अस्पताल पहुंचे।
अस्पताल जाकर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काट दिया और वहां डॉक्टरों से कहा कि बच्ची जिंदा है और उसे ऑक्सीजन दीजिए। यही नही ओझा महिला सोनी देवी ने अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ही फूल और पानी से बच्ची का भूत उतारने लगी और जब डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि बच्ची की मौत हो गई है तो मृत बच्ची के परिजन और ग्रामीण अस्पताल में हंगामा करने लगे। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधक ने नवगछिया थाने को फोन किया। जिसके बाद पुलिस के पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ और ओझा महिला सोनी देवी को हिरासत में लेकर थाने ले जाया गया।
मृत बच्ची के पिता ने बताया कि बच्ची को बुखार था और उसके इलाज के लिए वे उसे नवगछिया के डॉक्टर चंदन के पास ले गए जहां डॉक्टर ने उसे एक इंजेक्शन दिया। घर लौटने के बाद अगले दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई जिसके बाद उसे भागलपुर ले जाया गया। तिलकामांझी चौक पहुंचते ही बच्ची की मौत हो गई। जब वे उसे डॉक्टर के पास ले गए तो डॉक्टर ने कहा कि बच्ची की मौत हो गई है। वहां से वे लोग नवगछिया लौटे और शाम करीब 4 बजे बच्ची को मिट्टी में दफना दिया। उसके बाद ओझाओं ने कहा कि बच्ची को मिट्टी से बाहर निकालो हम उसे जिंदा कर देंगे और बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराओ। बच्ची की उम्र करीब 10 महीने है।