प्रतापगढ़: जमियत के मौलाना फारुख की हत्या के 24 घंटे बाद भी पुलिस के खाली हाथ, इलाके में बाधा आक्रोश, अवाम ने किया आरोपियों के घर बुल्डोज़र कार्यवाही की मांग, नमाज़-ए-जनाज़ा में उमड़ा भारी हुजूम
तारिक़ खान
डेस्क: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में हुई मौलाना फारूक की हत्या के बाद इलाके के लोगों में बेहद गुस्सा है। जमीयत उलेमा हिंद से जुड़े मौलाना फारुख की हत्या को 24 घंटे गुजर जाने के बाद भी कातिल पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। यही वजह है कि इलाके के लोगों में आक्रोश है। कई घंटो तक इलाके के लोगों ने मौलाना का शव नहीं उठने दिया। लोगों की मांग थी कि हत्या के आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाया जाए। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जोन के एडीजी भी मौके पर पहुंच गए।
गुस्साए लोगों को समझा बुझा कर शव पुलिस ने कब्जे में ले लिया। घटनास्थल पर डीएम, एसपी के साथ प्रयगाराज, कौशाम्बी, बांदा, फतेहपुर, अमेठी और चित्रकूट से फोर्स बुलाई गई है। पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। ये मामला जेठवारा थाना क्षेत्र के सोनपुर गांव का है जहां पैसे के लेनदेन के विवाद के चलते दबंगों ने मौलाना फारुख को धारदार हथियार से काटकर निर्मम हत्या कर दी थी। जानकारी के मुताबिक 60 साल के मौलाना मोहम्मद फारूख कादीपुर में मदरसा चलाते थे।
उत्तर प्रदेश, प्रतापगढ़
जमीयत उलमा के जिला महासचिव मौलाना फारूख साहब की हत्या के 24 घंटे बाद भी प्रदेश की एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस अभी तक हॉफ एनकाउंटर भी नही कर पाई!
न बाबा का हाई स्पीड बुलडोजर चला इन आरोपियों के घरों पर!हत्या के आरोपी ब्राह्मण चंद्रमणि तिवारी और देवी प्रसाद… pic.twitter.com/6RAmGTBSpR
— Sadaf Afreen صدف (@s_afreen7) June 9, 2024
उनके बेटे मौलाना असद के मुताबिक शनिवार की सुबह मौलाना फारूख को गांव के ही चंद्रमणि ने बुलाया था। दोनों के बीच जमीन के रुपये के लेनदेन का मामला था। मौलाना फारुख घर से स्कूटी लेकर निकले थे। चंद्रमणि के घर मौलाना की कुल्हाड़ी, फावड़ा, रंभा से हमला कर हत्या कर दी गई। घटना की जानकारी पर वे लोग पहुंचे तो आरोपी धमकी देते हुए भाग निकले। हत्या की जानकारी होने के बाद इलाके में तनाव व्याप्त हो गया और मौके पर पहुंची पुलिस से ग्रामीणों की स्थिति की नोक झोंक हो गई।
मौके पर कई महिलाओं के साथ पहुंचे लोगों ने आरोपियों के घराें के बाहर तोड़फोड़ भी की। कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने बवाल कर रहे लोगों को मौके से खदेड़ दिया। इलाके में तनाव को देखते हुए जिलाधिकारी संजीव रंजन, पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल के अलावा एडीजी जोन प्रयागराज मौके पर पहुंचे। मौलाना फारुख के परिजन मुआवजे के तौर पर 50 लाख रुपये, दो शस्त्र लाईसेंस के अलावा आरोपी के घर बुलडोजर चलाने की मांग कर रहे थे।
शव को कब्जे में लेने के लिए पुलिस को 8 घन्टे की कड़ी मश्क्कत करनी पड़ी। घटनास्थल पर दो बटालियन पीएसी की तैनाती करते हुए पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस अफसरों का कहना है कि परिजनों की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और गिरफ्तारी के लिए तीन टीमों को लगा दिया गया है। पीड़ित ने जिलाधिकारी से ज्ञापन देकर शास्त्र और कुछ मुआवजे की मांग की है।