राहुल गाँधी ने शेयर बाज़ार में आम निवेशको को नुकसान होने का दावा कर किया ‘जेसीपी’ की मांग, बोले पियूष गोयल ‘निवेशको को गुमराह कर रहे है, अमेरिकन निवशको को हुआ है नुकसान और भारतीय रहे है फायदे में’

आदिल अहमद

डेस्क:  कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह के शेयर बाजार को लेकर किए गए दावों से 30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और हम इसकी जांच चाहते हैं। राहुल गांधी ने कहा, ‘हमारे सवाल हैं कि पीएम मोदी और गृह मंत्री ने 5 करोड़ लोगों को निवेश करने की सलाह क्यों दी। बीजेपी का इससे क्या कनेक्शन है। हम जेपीसी की मांग करते हैं, यह एक घोटाला है, हम इसकी जांच की मांग करते हैं।’

उन्होंने कहा कि ‘पीएम मोदी और अमित शाह ने इंटरव्यू में शेयर मार्केट में पैसे लगाने की सलाह दी थी। दोनों इंटरव्यू जो किए गए थे वो अदानी के चैनलों पर दिए गए थे। अदानी पर सेबी की जांच हो रही है। बीजेपी और फेक एग्जिट पोल वालों के बीच क्या कोई रिश्ता है। हम इसकी सच्चाई जानना चाहते हैं।’

अब भाजपा ने इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया दिया है। बीजेपी नेता पीयूष गोयल ने कहा कि राहुल गांधी शेयर मार्केट के निवेशकों को गुमराह करने की साज़िश रच रहे हैं। पीयूष गोयल ने कहा, ‘विपक्ष की हार की हताशा से राहुल गांधी बाहर नहीं आए हैं। अब वो मार्केट के निवेशकों को गुमराह करने साजिश रच रहे हैं। आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। पूरी दुनिया मानती है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है।’

पीयूष गोयल ने कहा, ‘सब जानते हैं कि शेयर मार्केट में बदलाव होते रहते हैं। दुनिया भर में शेयर मार्केट ऐसे ही होता है। कोई बड़े बदलाव नहीं हुए हों तो भी शेयर मार्केट में बदलाव होते रहते हैं। देश के निवेशक जानते हैं पिछले 10 वर्ष के मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत का मार्केट कैप 400 लाख करोड़ रुपये से अधिक हुआ है। आज से 10 साल पहले जब यूपीए की सरकार थी, जिसका नेतृत्व गांधी परिवार करता था तो भारत की शेयर मार्केट कैप 67 लाख करोड़ रुपये था।’

पीयूष गोयल ने आगे कहा, ‘जिस दिन एग्जिट पोल आया तो विदेशी निवेशकों ने शेयर खरीदे और भारतीय निवेशकों को फायदा हुआ। जिस दिन नतीजे आए तो विदेशी निवेशकों ने शेयर बेचे और भारतीय निवेशकों ने शेयर खरीदे। भारतीय निवेशकों ने इस अंतराल में कमाई की। राहुल गांधी जो 30 लाख करोड़ की बात करते हैं वो यह भी नहीं समझते यह वेल्यूएशन है। वो नहीं समझते कि भारत के निवेशकों को फायदा मिला है, जबकि विदेशी निवेशकों को नुकसान हुआ है। मार्केट फिर एक बार उस स्तर पर पहुंच गई है जहां पर तीन-चार दिन पहले थी। यह इसलिए हुआ क्योंकि फिर एक बार मोदी सरकार आ रही है।’

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