शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चर्तुर्वेदी ने कहा ‘जिस दर से परीक्षा रद्द हो रही और शिक्षा मंत्री अपनी जवाबदेही से इंकार कर रहे उसके अनुसार यह देश में शिक्षा का आपातकाल है’
आफताब फारुकी
डेस्क: नीट और यूजीसी-नेट परीक्षा पर देशव्यापी छात्रों के विरोध प्रदर्शन ज़ारी हैं। इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे शिक्षा का ‘आपातकाल’ बताया है। प्रियंका ने कहा, ‘मैं कहूंगी कि इस देश में शिक्षा आपातकाल है, जिस दर पर परीक्षाएं रद्द की जा रही हैं, जिस दर पर शिक्षा मंत्री खु़द को जवाबदेह मानने से इनकार कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘हम देख रहे हैं कि कैसे एक के बाद एक पेपर स्थगित या रद्द किए जा रहे हैं। धर्मेंद्र प्रधान ने नीट पेपर लीक के संबंध में किसी भी जांच से इनकार कर दिया था। सिर्फ एनटीए चेयरमैन का तबादला करने से काम नहीं चलेगा। जहां तक शिक्षा मंत्रालय का सवाल है, धर्मेंद्र प्रधान को पूरी तरह विफल होने के कारण इस्तीफा देना होगा।’
शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार, 22 जून को नीट-यूजी परीक्षा में कथित गड़बड़ी की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इतना ही नहीं केंद्र ने नीट की परीक्षा का आयोजन करवाने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के सुबोध कुमार सिंह को महानिदेशक के पद से भी हटा दिया है। उनकी जगह प्रदीप सिंह खरौला को एनटीए के महानिदेशक पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
इसके अलावा सरकार ने 23 जून, रविवार को होने वाली नीट-पीजी परीक्षा भी स्थगित कर दी है। वहीं ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 अभ्यर्थी आज यानी रविवार को नीट-यूजी की परीक्षा दोबारा दे रहे हैं इन अभ्यर्थियों को 5 मई को आयोजित नीट परीक्षा में कम समय मिलने पर ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। विरोध के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी(एनटीए) ने ग्रेस मार्क्स वापस लेते हुए इन अभ्यर्थियों का री-एग्जाम कराने का फ़ैसला किया था। 20 जून को सरकार ने री-एग्जाम के लिए एडमिट कार्ड जारी किए थे।