हाथरस घटना में दर्ज हुई ऍफ़आईआर में ‘बाबा भोले’ नही नामज़द, बोले सीएम योगी ‘अभी आगे कार्यवाही होगी’, मृतकों की संख्या 120 पार हुई
शफी उस्मानी
डेस्क: उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार को हाथरस में हुई भगदड़ के मामले में एफ़आईआर दर्ज की है। ये केस सत्संग के आयोजकों के खिलाफ़ दर्ज किया गया है। मंगलवार को सत्संग में हुई भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो गई है और कई लापता हैं। बुधवार को योगी आदित्यनाथ हाथरस पहुंचे और घायलों से ज़िला अस्पताल में मुलाकात की।
सत्संग के लिए आयोजनकर्ताओं ने अनुमति मांगते हुए प्रशासन को बताया था कि क़रीब 80 हज़ार लोग सत्संग में हिस्सा लेंगे,लेकिन यहां पहुंचने वालों की वास्तविक संख्या इससे कहीं ज़्यादा थी। एफ़आईआर में कहा गया है कि आयोजकों की ओर ये कोई मदद और व्यवस्था नहीं की गई। सत्संग जिस नारायण साकार उर्फ़ भोले बाबा का था, उनका नाम एफ़आईआर में नहीं है। एफ़आईआर में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों को नामज़द किया गया। एफ़आईआर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (ग़ैर इरादतन हत्या), 110 (ग़ैर इरादतन हत्या की कोशिश), 126 (2) (ग़लत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा दिए गए आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्य मिटाना) के तहत दर्ज की गई है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार दोपहर को प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि इसकी जवाबदेही तय होगी और किसी भी दोषी को बख़्शा नहीं जाएगा। सीएम योगी ने बताया कि ‘मरने वालों में उत्तर प्रदेश के साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के लोग भी शामिल हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘मैं जिन घायल लोगों से मिला, उन्होंने बताया कि हादसा कार्यक्रम के बाद हुआ। सज्जन (नारायण साकार हरि) के मंच से उतरने के बाद उन्हें छूने के लिए उनके पीछे भीड़ गई। इस दौरान लोग एक दूसरे पर चढ़ते गए। सेवादार भी श्रद्धालुओं को धक्का देते रहे। जिसकी वजह से ये घटना हुई।’
उन्होंने कहा कि ‘पहले इस मामले को दबाने की कोशिश की गई। लेकिन जब प्रशासन घायल लोगों को अस्पताल ले जाने लगा तो ज़्यादातर सेवादार वहां से भाग गए। इस पूरे घटनाक्रम के लिए हमने एडीजी आगरा के अंतर्गत एक एसआईटी गठित की है। जिसने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दी है। बहुत सारे ऐसे पहलू हैं जिनपर जांच होनी चाहिए। हमारी पहली प्राथमिकता राहत और बचाव कार्य के बाद आयोजकों को पूछताछ के लिए बुलाना और घटना के बारे में उनसे पूछताछ करना है। और फिर घटना की लापरवाही और ज़िम्मेदारों की जवाबदेही भी तय करना है। इसके लिए पहले ही एफ़आईआर दर्ज की जा चुकी है।’
उन्होंने कहा कि ‘इस प्रकार की घटना सिर्फ हादसा ही नहीं है। अगर हादसा भी है तो उसके पीछे कौन ज़िम्मेदार है, इसका भी पता लगाया जाएगा। इन सबको देखते हुए सरकार ने तय किया है कि हम इसकी ज्यूडिशियल इनक्वायरी भी कराएंगे। और ज्यूडिशियल इनक्वायरी हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के अध्यक्षता में होगी जिसमें प्रशासन और पुलिस के रिटायर्ड अधिकारियों को भी रखा जाएगा। जो भी इसके लिए दोषी होगा उन्हें सजा होगी।’
उन्होंने कहा, ‘इस पूरी घटना में ज़िम्मेदारों की जवाबदेही तय करने की दिशा में आगे कार्रवाई की जाएगी। प्रारंभिक जांच के बाद कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा। इसके तह में जाना आवश्यक है, ताकि इसका पता लगाया जा सके इसके पीछे कौन ज़िम्मेदार है।’ बाबा पर एफ़आईआर नहीं होने के सवाल पर सीएम ने कहा कि एफआईआर हुई है और इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। एफ़आईआर में अन्य लोग शामिल हैं। जो भी ज़िम्मेदार है वो अन्य लोग में आएंगे।