कांवड़ यात्रा को लेकर निकाले गए मुज़फ्फरनगर पुलिस के नोटिस की भाजपा नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने किया आलोचना

तारिक़ खान

डेस्क: कांवड़ यात्रा को लेकर निकाले गए मुज़फ्फ़रनगर पुलिस के नोटिस पर बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने प्रतिक्रिया दी है। नक़वी ने पुलिस के आदेश को छुआछूत से जोड़ा है। मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस के ‘आदेश’ के मुताबिक़, कांवड़ रूट पर पड़ने वाले ढाबे, होटलों और खाने पीने के ठेले वालों को मालिक और काम करने वाले लोगों का नाम लिखना होगा।

नक़वी ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा है कि, “कुछ अति-उत्साही अधिकारियों के आदेश हड़बड़ी में गडबड़ी वाले हैं। यह अस्पृश्यता की बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं। आस्था का सम्मान होना ही चाहिए पर अस्पृश्यता का संरक्षण नहीं होना चाहिए।  इसको लेकर नक़वी ने रैदास के दोहे को भी ट्वीट किया है, ‘जनम जात मत पूछिए, का जात अरु पात। रैदास पूत सब प्रभु के,कोए नहिं जात कुजात’

इस मामले में विवाद बढ़ने के बाद मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने अपनी सफाई भी दी है। अब मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने कहा है, ‘श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल, ढाबे और खानपान की चीजें बेचने वाले दुकानदारों से अनुरोध किया गया है कि वे स्वेच्छा से अपने मालिक और काम करने वालों का नाम दुकान पर लिखें।’ पुलिस का कहना है, ‘इस आदेश का मक़सद किसी तरह का धार्मिक विभेद नहीं है बल्कि यह मुज़फ़्फ़रनगर से गुज़रने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा, आरोप प्रत्यारोप और कानून व्यवस्था की स्थिति को बचाना है। इससे पहले भी ऐसी व्यवस्था की जा चुकी है।’

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