हमास नेता हनिया की मौत पर बोले ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ‘हनिया के मौत का बदला इसराइल से लेना ईरान का फ़र्ज़ है’

तारिक़ खान

डेस्क: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली ख़ामेनेई ने भी कहा कि हनिया की मौत का बदला लेना ईरान का फ़र्ज़ है। ख़ामेनेई ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से हनिया के लिए कई सारे पोस्ट भी किए। अपनी एक पोस्ट में उन्होंने हनिया को शहीद का दर्जा देते हुवे लिखा कि वह एक बहादुर नेता थे। अपनी ज़िन्दगी को कुर्बान करने के लिए तैयार रहते थे।

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि ‘शहीद हनिया कई सालों से चल रही इस लड़ाई के लिए अपनी ज़िंदगी को क़ुर्बान करने के लिए तैयार थे। उन्होंने इसके लिए अपने बच्चों और सभी चाहने वालों तक को क़ुर्बान कर दिया।’ ख़ामेनेई ने एक दूसरी पोस्ट में लिखा, ‘अपराधी और आतंकवादी इसराइल ने हमारे प्यारे मेहमान को हमारी ही ज़मीन पर शहीद कर दिया। हालांकि इससे हमें कष्ट पहुंचा है लेकिन यही इसराइल को कठोर दंड देने की वजह भी बनेगी।’

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने कहा है कि वे यह निश्चित करेंगे की इसराइल को हनिया की कायरतापूर्ण हत्या के लिए पछताना पड़े। मसूद ने यह भी कहा कि ईरान अपनी क्षेत्रीय अखंडता और सम्मान की रक्षा करेगा। समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़ मसूद ने हनिया को एक बहादुर नेता बताया।

हमास के शीर्ष नेता हनिया क़तर में रहते थे और वे मसूद पेज़ेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए तेहरान की यात्रा पर थे। हमास नेता इस्माइल हनिया की मौत पर अलग-अलग देश भी अपनी प्रतिक्रियाएं ज़ाहिर कर रहे हैं। जॉर्डन ने कहा कि वह इसराइल के हाथों हमास नेता के हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इससे अब और भी ज़्यादा तनाव और अराजकता पैदा होगी।

लेबनान ने भी इस्माल हनिया के मारे जाने की निंदा की है। देश के प्रधानमंत्री नज़ीब मिकाती ने आज सुबह अपने मंत्रिमंडल के साथ एक आपात बैठक की। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि वे इस हत्या का कड़ा विरोध करते हैं वे क्षेत्र में अधिक अशांति को लेकर अपनी चिंता व्यक्त करते हैं। प्रवक्ता लिन ज़ियान ने कहा कि पूरे ग़ज़ा में एक स्थाई सीज़फ़ायर होना चाहिए। क़तर ने हनिया की हत्या की निंदा करते हुए उसे एक गंभीर अपराध क़रार दिया।

क़तर के विदेश मंत्रालय ने इसे अंतरराष्ट्रीय और मानवता क़ानून का उल्लंघन बताते हुए यह चेतावनी दी कि यह हत्या और नागरिकों को लगातार निशाना बनाना इस क्षेत्र को और अधिक अराजकता की ओर ले जाएगा और शांति की संभावनाओं को कमज़ोर करेगा। इसराइल ने अभी तक हमास नेता इस्माइल हनिया की मौत पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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