मुज़फ्फरनगर में कावड़ रूट पर दुकानदारों को नाम लिखने के आदेश पर बोले चिराग पासवान ‘जाति या धर्म के नाम पर किसी भी विभाजन का मैं समर्थन नही करता हु’

ईदुल अमीन

डेस्क: यूपी में मुजफ़्फ़रनगर में कांवड़ रूट पर खान-पान की दुकानों पर नाम लिखने को लेकर जारी निर्देश पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की सहयोगी पार्टी लोजपा (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने प्रतिक्रिया दी है। समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए साक्षात्कार में चिराग पासवान ने पुलिस की ओर से जारी एडवाइज़री पर कहा, ‘जाति या धर्म के नाम पर किसी भी विभाजन का मैं बिल्कुल समर्थन नहीं करता।’

पुलिस की एडवाइज़री को लेकर उन्होंने कहा, ‘मैं इसका समर्थन नहीं करता। जहां भी जाति और मजहब के नाम पर विभाजन हो, मैं उसका कतई समर्थन नहीं करता हूं और ना ही उसे बढ़ावा देना चाहता हूं।’ चिराग पासवान ने कहा, ‘मैं 21वीं सदी का पढ़ा लिखा युवा हूं। मेरी लड़ाई ही जातीयता और सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ है। जातीयता और सांप्रदायिकता ने ही सबसे ज्यादा मेरे राज्य बिहार का नुकसान किया है।’

उन्होंने कहा है कि ‘मैं जातपात महजब आदि को नहीं मानता। मैं सिर्फ मानता हूं कि एक अमीर वर्ग है और दूसरा गरीब वर्ग है, दोनों में हर जातपात और मजहब के लोग मिलेंगे। इन दोनों के बीच की खाई हमें पाटने की ज़रूरत है।’ उधर, बिहार से ही आने वाले केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने एक आदेश दिया है जिसका पालन होना चाहिए।

मुज़फ़्फ़रनगर में सावन मे होने वाले कांवड़ यात्रा के रूट में मौजूद होटल ढाबे या ठेले जितने भी खानपान की दुकानें हैं, हर किसी को उसके मालिक या काम करने वाले का नाम लिखने का निर्देश दिया है। मुज़फ़्फ़रनगर के पुलिस अधीक्षक ने पत्रकारों से बातचीत में एक दिन पहले कहा था कि कांवड़ यात्रा की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं और ज़िले में 240 किलोमीटर कांवड़ मार्ग हैं।

उनके मुताबिक़ यह निर्देश कांवड़ियों को भ्रम से बचाने और बाद में क़ानून व्यवस्था की कोई परेशानी से बचने के लिए दिया गया है। इसे लेकर गुरुवार को प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा, मशहूर गीतकार जावेद अख़्तर, यूपी के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों अखिलेश यादव और मायावती ने इस एडवाइज़री पर आपत्ति ज़ाहिर की। इसके बाद पुलिस ने संशोधित एडवाइज़री जारी करते हुए नाम लिखने में ‘स्वेच्छा’ शब्द जोड़ दिया।

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