प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राजसभा में झूठे भाषण का आरोप लगा कर समूचे विपक्ष ने किया वाकआउट
तारिक खान
डेस्क: बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्षी दलों ने सामूहिक तौर पर वॉकआउट कर दिया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री सदन में ग़लत तथ्य रख रहे थे, लेकिन विपक्ष को सच्चाई सामने रखने का अवसर नहीं दिया गया।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘यह सदन की मान्य परंपरा है। सदन में विपक्ष के नेता ने पुस्तकों और आँकड़ों के सहारे सही तथ्य सामने लाने के लिए बार बार प्रयास किया। प्रधानमंत्री ग़लत तथ्य रखते रहे लेकिन विपक्ष के नेता को अवसर नहीं मिला और सच्चाई सामने नहीं आने दी गई। इसके बाद विपक्ष के नेता खड़गे के नेतृत्व में पूरे विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया, जहाँ केवल झूठ बोला जा रहा था।’
दरअसल, बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री मोदी राज्यसभा। में भाषण दे रहे थे। इसी भाषण को लेकर विपक्ष ने मोदी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने भाषण में कई ग़लत तथ्य रखे। मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस पर आंबेडकर के साथ भेदभाव का आरोप लगाया और दावा किया कि कांग्रेस पार्टी शुरुआत से आरक्षण विरोधी रही है। बाबा साहब आंबेडकर को चुनावों में हरवा कर जश्न मनाया था।
सदन से बाहर आने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ‘बाबा साहब आंबेडकर ने संविधान के प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाए जाने पर कहा था कि इससे उन्हें बहुत हैरानी हुई थी। क्योंकि समिति में उनसे बेहतर और सक्षम लोग मौजूद थे।’ खड़गे ने आरोप लगाया कि वो अपनी बात रखने के लिए बार बार हाथ उठा रहे थे। उन्होंने ख़ुद प्रधानमंत्री से अपील की लेकिन उन्हें अपनी बात रखने का मौक़ा नहीं दिया गया। खड़गे ने कहा, ‘आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइज़र में क्या-क्या लिखा गया वो सारी बातों को सामने रखना चाहते थे और प्रधानमंत्री के भाषण के हर झूठ को नोट किया था, लेकिन विपक्ष को एक मिनट का समय नहीं दिया गया।’