एडीआर रिपोर्ट में दावा ‘151 सांसद-विधायको पर दर्ज है महिलाओ के खिलाफ अपराध के मामले’, सर्वाधिक भाजपा के सांसद-विधायको के खिलाफ दर्ज है महिलाओ से अपराध के मामले

तारिक़ आज़मी

डेस्क: बुधवार को एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफ़ॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके अनुसार 151 मौजूदा विधायकों और सांसदों के ख़िलाफ़ महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज हैं। 300 पन्नों की इस रिपोर्ट में कितने सांसदों, विधायकों पर महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध, बलात्कार के आरोप लगे हैं इसकी जानकारी है। साथ ही ये भी जानकारी दी गई है कि कितने विधायक और सांसद किस पार्टी से हैं।

इस रिपोर्ट के लिए एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने संयुक्त रूप से देश के कुल 4,809 मौजूदा सांसदों और विधायकों में से 4,693 के चुनाव आयोग को सौंपे गए हलफ़नामों का अध्ययन किया है। इन हलफ़नामों से विधायकों और सांसदों ने अपने ख़िलाफ़ दर्ज किए गए अपराधों की जानकारी दी है। इसमें 776 मौजूदा सांसदों में से 755 और 4,033 विधायकों में से 3,938 के हलफ़नामे शामिल हैं। एडीआर और इलेक्शन वॉच ने ये जानकारी 2019 से 2024 के बीच हुए उप-चुनावों समेत सभी चुनावों के दौरान दर्ज किए गए हलफ़नामों से जुटाई है।

इनमें महिला पर एसिड अटैक, बलात्कार, यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़, किसी महिला को निर्वस्त्र करने के उद्देश्य से उस पर हमला करना, किसी महिला का पीछा करना, वेश्यावृत्ति के लिए नाबालिग़ लड़कियों को खरीदना और बेचना, पति या ससुराल के रिश्तेदारों के हाथों महिला का उत्पीड़न, इरादतन किसी शादीशुदा महिला को जबरन रोकना या अगवा करना, महिला की सहमति के बिना जबरन उसके साथ रहना, पहली पत्नी के रहते अन्य महिला से शादी करना और दहेज हत्या शामिल है।

कुल 151 जन प्रतिनिधि जिनपर महिला हिंसा से जुड़े अपराध के मामले चल हैं उनमें से किस पार्टी के कितने प्रतिनिधि हैं इसकी भी जानकारी एडीआर और इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट में दी गई है। इसमें 135 विधायक हैं जबकि 16 सांसद हैं जिनके ख़िलाफ महिला अपराध के मामले चल रहे हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो इसमें सबसे ज़्यादा 54 बीजेपी के जन प्रतिनिधि हैं। वहीं कांग्रेस के 23, तेलुगु देशम पार्टी के 17, आम आदमी पार्टी के 13, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के 10, पांच राष्ट्रीय जनता दल के नेता हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी के ज़्यादातर जन प्रतिनिधियों पर (44 विधायक और 10 सांसद) महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के आरोप लगे हैं। लेकिन, इस वक्त देश में बीजेपी विधायकों-सांसदों की संख्या अधिक है। इसलिए बीजेपी नेताओं को लगता है कि इस वजह से ये संख्या ज़्यादा हो सकती है। एडीआर और इलेक्शन वॉच ने चुनाव आयोग को दिए गए उम्मीदवारों के हलफ़नामों के विश्लेषण से पाया कि जिन 151 जन प्रतिनिधियों के ख़िलाफ महिला उत्पीड़न के आरोप हैं, उनमें से 16 के ख़िलाफ बलात्कार के मामले हैं। इनमें 2 सांसद और 14 विधायक हैं।

राज्यवार देखा जाए तो इसमें मध्य प्रदेश सबसे ऊपर है। प्रदेश के दो जनप्रतिनिधियों पर बलात्कार के अपराध दर्ज हैं। वहीं पश्चिम बंगाल के एक सांसद पर इस तरह का आरोप दर्ज है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, असम, दिल्ली, गोवा, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा और तमिलनाडु के एक-एक जनप्रतिनिधि पर बलात्कार का आरोप लगा है। वहीं तेलंगाना के एक सांसद पर बलात्कार पर अपराध दर्ज है। पार्टी के हिसाब से देखा जाए तो जिन जनप्रतिनिधियों पर बलात्कार के मामले दर्ज हैं उनमें सबसे अधिक बीजेपी के 5 (3 विधायक, 2 सांसद) और कांग्रेस के 5 विधायक शामिल हैं।

इसके अलावा आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ़), भारत आदिवासी पार्टी और बीजू जनता दल (बीजेडी) के एक-एक विधायक के ख़िलाफ़ बलात्कार का मामला है। रिपोर्ट में उन नेताओं के नाम भी दिए गए हैं जिनके ख़िलाफ़ यौन हिंसा के मामले दर्ज है। इनमें से कई नेताओं पर आरोप लगने के बाद मामला दर्ज किया गया, लेकिन रिपोर्ट बनाए जाने तक आरोप तय नहीं हुए। कुछ मामलों की सुनवाई अभी भी जारी है। इनमें से हर नेता ने उस समय अपने ख़िलाफ़ लगे आरोपों से इनकार किया है। हालांकि नेताओं ने चुनाव आयोग को दिए हलफ़नामे में अपराधों की जानकारी दी है।

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