एससी/एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित और आदिवासी समाज का ‘भारत बंद’, बोले सांसद चंद्रशेखर ‘समय अब बदल गया है दलित आदिवासी समाज जाग चूका है’

मो0 कुमेल

डेस्क: आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के नगीना से पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ ‘भारत बंद’ पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के एक प्रदर्शन के दौरान चंद्रशेखर ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘दलित-आदिवासी समाज ने सड़कों पर उतर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट में बैठे जजों को बता दिया है कि समय अब बदल चुका है।’

उन्होंने कहा, ‘अब अगर हमारे अधिकारों पर कहीं से भी हमला होगा तो हम चुप नहीं बैठने वाले हैं। समाज आंदोलन करेगा तो उसके नेता भी अपने बंगलों में बैठे रहने वाले नहीं हैं।’ इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकारें चाहें तो सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए एससी-एसटी की सब कैटैगरी बना सकती हैं।

कोर्ट ने यह भी कहा कि अनुसूचित जाति के भीतर किसी एक जाति को सौ फीसदी कोटा नहीं दिया जा सकता है। इसके अलावा एससी में में शामिल किसी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी के समर्थन में पर्याप्त आंकड़े होने चाहिए। लेकिन दलित-आदिवासी संगठन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सहमत नहीं हैं और उन्होंने आज इसके ख़िलाफ़ ‘भारत बंद’ की अपील की है। अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के विरोध में भारत बंद का असर कई राज्यों में दिख रहा है। अब तक इसका सबसे ज्यादा असर बिहार और झारखंड में दिख रहा है।

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