ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण: मुस्लिम समाज ने जताया भारी विरोध, डीसीपी सुरक्षा ने मस्जिद के अंदर जाकर दिया मुफ़्ती बनारस और नमाजियों को आश्वासन तब जाकर शुरू हुई नमाज़-ए-जुमा, देखे एक्सक्लूसिव फोटो
तारिक़ आज़मी
वाराणसी: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में नमाजियों और मुस्लिम समाज का विरोध प्रदर्शन आज बरोज़ जुमा भी जारी रहा। आज जुमें की नमाज इस विरोध प्रदर्शन के कारण काफी विलंब से शुरू हुई। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर जाकर डीसीपी सुरक्षा ने जब नमाजियों को और मुस्लिम समाज को आश्वासन दिया तब जाकर नमाज़-ए-जुमा अदा हुई।
इस दरमियान प्रशासन में गहमागहमी का माहोल कायम रहा। डीसीपी सुरक्षा के आश्वासन मस्जिद की इंतज़ाम करने वाली संस्था अंजुमन इन्तेज़मियां मसाजिद कमेटी के द्वारा वीडियो रिकार्ड किया गया है। जिसका एक्सक्लूजिव फुटेज हमारे पास भी मौजूद है। डीसीपी सुरक्षा ने मस्जिद में गेट नहीं लगने का आश्वासन देते हुवे कहा कि जब आपसी बातचीत में आपसी रजामंदी होकर मसला हल नही होता है तब तक यह गेट नही लगेगा इस दरमियान नमाजियों में भारी नाराजगी देखने को मिली। हजारों के तादाद में खचाखच भरी हुई मस्जिद का एक्सक्लूसिव फुटेज सिर्फ हमारे पास उपलब्ध है जो थोड़ी देर उपरांत हमारे युट्यूब पर प्रसारित होगा।
बताते चले कि कल बरोज़ जुमेरात दोपहर 1:00 बजे करीब अचानक प्रशासन के द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद को जाने वाले रास्ते पर एक गेट का निर्माण किया जाने लगा। इसकी जानकारी मुस्लिम पक्ष को होने के बाद तत्काल मुस्लिम पक्ष ने इस पर अपनी आपत्ति जताई और मुफ़्ती शहर मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी मौके पर पहुंच गये और धरने पर बैठ गये। धरना कल दोपहर 2:00 बजे शुरू हुआ, जो पूरी रात चला, और नमाज़ जुमा जो आज ज्ञानवापी मस्जिद में लगभग 3 बजे शुरू हुई तक जारी रहा।
मुस्लिम समाज के लोग आज दोपहर में नमाज-ए-जुमा के लिए हजारों की तादाद में ज्ञानवापी मस्जिद में इकट्ठा हो गए। मगर इस लगने वाले गेट का विरोध करते हुवे नमाज नहीं शुरू हुई। सभी नमाज़ी विरोध करते हुए बैठे हुए थे कि पहले प्रशासन हमसे बात करेगा, नमाज तब शुरू होगी। मुफ़्ती बनारस मौलाना बातिन नोमानी के इस प्रोटेस्ट की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन के हाथ पाँव फूलने लगे। आखिर में डीपी सुरक्षा स्वयं मस्जिद के अंदर आये और और नमाजियों से उन्होंने बातचीत किया। उन्होंने नमाजियों से बातचीत में ऐलान किया किया कि गेट अभी नहीं लगेगा, बाद में जब आपसी बातचीत से सहमति बन जाएगी, तब यह गेट लगेगा। इसके बावजूद मुस्लिम समाज में अभी भी प्रशासन को लेकर के शक और शुबहा की जगह है और मुस्लिम समाज में आक्रोश देखने को मिल रहा है।