लम्बे इंतज़ार के बाद आई मलयालम फिल्मो पर हेमा कमेटी की रिपोर्ट, शशि थरूर ने जताया देरी पर केरल सरकार के प्रति नाराज़गी, पढ़े क्या है 235 पन्नो की इस रिपोर्ट में
आदिल अहमद
डेस्क: हेमा कमिटी रिपोर्ट लंबे वक़्त के इंतज़ार के बाद जारी हो गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मलयालम सिनेमा में महिलाओं की कामकाज़ी स्थितियां कैसी हैं। रिपोर्ट देरी से जारी किए जाने को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केरल सरकार के प्रति नाराज़गी व्यक्त करते हुवे कहा है कि सरकार ने 5 सालो तक इस रिपोर्ट को दबाए रखा और अब दबाव ने जारी कर दिया है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मलयालम सिनेमा में महिलाएं किस स्थिति में काम करती हैं। रिपोर्ट में यौन शोषण, अवैध प्रतिबंध, भेदभाव, नशीली दवाओं और शराब का दुरुपयोग, वेतन में असमानता और कुछ मामलों में अमानवीय कामकाज़ी परिस्थिति की भयानक कहानियां बताई गई हैं। 235 पन्नों की ये रिपोर्ट पीड़ितों और अभियुक्तों के नाम के बिना सोमवार को जारी की गई है। इस रिपोर्ट में इंडस्ट्री के भीतर “कास्टिंग काउच” की अफवाह की पुष्टि भी की गई है।
रिपोर्ट आने के बाद शशि थरूर ने कहा, ये बेहद शर्मनाक है कि सरकार ने रिपोर्ट को पाँच साल तक दबाए रखा और अब दबाव में आकर जारी किया है। वो इसके परिणामों का सामना करने के लिए तैयार नहीं है।’ उन्होंने कहा कि सरकार को खुद पर शर्म आनी चाहिए। केरल फिल्म इंडस्ट्री की देश और दुनिया भर में प्रसिद्ध निर्देशकों और कलाकारों के साथ प्रतिष्ठा है और यह एक सम्मानित इंडस्ट्री है। थरूर ने कहा कि इस तरह की इंडस्ट्री को कलंकित होते देखना, महिलाओं के लिए असुरक्षित कामकाजी माहौल बनाना और डराने-धमकाने और इससे भी बदतर कार्यों के ज़रिए इसे जारी रखना माफी के योग्य नहीं है।
शशि थरूर ने कहा, ‘ये वो नहीं है जो केरल के लिए होना चाहिए। हमें एक ऐसा राज्य होने पर गर्व है, जो 200 साल से अधिक वक्त से लड़कियों को प्राथमिक स्तर पर शिक्षित करने के मामले में पहले स्थान पर है। जिसने महिलाओं को सशक्त बनाया है। इस रिपोर्ट को पूरी तरह प्रसारित करने, चर्चा करने और इस पर कार्रवाई किए जाने ज़रूरत है। इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता कि किनकी प्रतिष्ठा प्रभावित होती है। एक महिला के लिए शिकायत करना आसान नहीं होता। जिन्होंने शिकायत की उनकी भी प्रतिष्ठा और करियर था। लेकिन उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वो जानते हैं कि तथ्यों का सामने आना ज़रूरी है।’