कोलकाता आरजी कर मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल रेप केस की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने डाक्टरों की एसोसिएशन को आश्वस्त करवाते हुवे कहा नेशनल टास्क फ़ोर्स सभी का पक्ष सुनेगी
मो0 कुमेल
डेस्क: सुप्रीम कोर्ट में आज यानी गुरुवार को भी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई रेप और मर्डर की घटना पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की एसोसिएशन को यह भरोसा दिलाया कि नेशनल टास्क फ़ोर्स सभी पक्षों को सुनेगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर डॉक्टर्स काम नहीं करेंगे तो सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं कैसे काम करेंगी? देश भर में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल पेशेवरों, ख़ासकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बड़े मुद्दे पर विचार करने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फ़ोर्स का गठन किया है। टास्क फ़ोर्स को तीन सप्ताह के भीतर अंतरिम रिपोर्ट और दो महीने के भीतर अंतिम रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है।
कोर्ट ने प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को पहले काम पर लौटने के लिए कहा है। साथ ही एम्स नागपुर के वकीलों को भी यह आश्वासन दिया गया है कि उनके काम पर लौटने के बाद कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी। एम्स नागपुर के डॉक्टरों का कहना था कि विरोध प्रदर्शन के कारण उनको परीक्षा में बैठने नहीं दिया जा रहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में आने वाले सभी मरीज़ों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं। कोर्ट सीबीआई की रिपोर्ट को देख रही है।
यह बेहद चौंकाने वाला है कि मामले के अप्राकृतिक मौत दर्ज होने से पहले ही शव का पोस्टमार्टम कर दिया गया। कोर्ट ने कोलकाता पुलिस के उस ऑफ़िसर को अगली सुनवाई में मौजूद रहने का आदेश भी दिया है जिन्होंने सबसे पहले इस मामले को दर्ज किया था। वहीं सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि पीड़ित के दोस्त से शक के आधार पर पूछताछ की गई है और उसकी वीडियोग्राफ़ी भी हुई है। राज्य पुलिस ने पहले पीड़िता के माता-पिता को खुदकुशी की बात बताई और बात में कहा कि हत्या की गई थी। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि सबसे ज़्यादा चौंकाने वाली बात है कि पीड़िता का अंतिम संस्कार हो जाने के बाद रात के पौने 11 बजे एफ़आईआर दर्ज की गई।