‘ओह…! तो ऐसे बरामद करती है युपी पुलिस अवैध कट्टा’, रोता कलपता रहा कार चालक और पुलिस ने कट्टा खुद रख कर किया गिरफ्तार, सीसीटीवी फुटेज वायरल होने के बाद इस्पेक्टर, दरोगा और कांस्टेबल पर गिरी गाज

तारिक़ आज़मी

डेस्क: रस्सी को सांप बनाने वाली पुलिस के ऐसे कारनामे आपने सुना होगा। मगर इस बार एक सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस के इस खेल का ऐसा खुलासा किया कि शिकार बनाने गई पुलिस खुद शिकार हो गई है। मामला बुलंदशहर के शिकारपुर का है। जहा एक कार में अवैध असलहा पुलिस द्वारा प्लांट किये जाने का सीसीटीवी फुटेज वायरल हो गया। इस फुटेज को ट्वीट करते हुवे समाजवादी पार्टी ने कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल उठाये है।

वाकया 21 जुलाई का है। सीएम योगी की पुलिस ने बुलंदशहर में जांच के दौरान बीच बाजार में एक सफेद रंग की गाड़ी को रोका। कार को अमित नाम का शख्स चला रहा था। वो एक समारोह से अपने घर की तरफ लौट रहा था। उस वक्त मौके पर शिकारपुर के थाना प्रभारी, कस्बा चौकी प्रभारी, दो कांस्टेबल और होमगार्ड के दो जवान मौजूद थे। पुलिसवालों ने उसकी कार को रुकने का इशारा किया। अमित ने कार रोकी। इसके बाद पुलिसवाले उसकी कार को चेक करने लगे। इतने में एक पुलिसवाले ने अपनी बाइक से एक सफेद रंग का कपड़ा निकाला।

दरअसल, इस कपड़े में एक तमंचा लपेटा हुआ था। वो कार की दूसरी तरफ गया और गेट खोलकर कपड़े में लपेटा हथियार गाड़ी में आगे वाली सीट के पास डैश बोर्ड में रख दिया। इसके बाद पुलिसवाले अमित की कार चेक करने लगे। इतने में एक पुलिसवाले ने डैश बोर्ड खोला और कपड़े में लिपटा हथियार निकाल लिया। ये देख कर अमित की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई।

वो कुछ समझ ही नहीं पाया। अमित ने कहा कि उसे नहीं पता कि ये हथियार उसकी कार में कैसे आया? उसने पुलिसवालों को खूब समझाने की कोशिश की, लेकिन पुलिसवालों ने उसकी एक न सुनी। पुलिस ने उसके ऊपर मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके बाद अमित को कोर्ट में पेश किया गया। वो बार-बार अपनी बेगुनाही का दावा करता रहा लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी। ये तो गनीमत थी कि घटनास्थल के पास एक सीसीटीवी लगा हुआ था, जिसमें पुलिस की कारस्तानी कैद हो गई।

इसके बाद ये मामला सीनियर अधिकारियों तक गया। जब उन्होंने इस मामले में सीसीटीवी फुटेज को ध्यान से देखा तो वो भी समझ गए कि इस केस में किस तरह से पुलिसवालों ने अमित को फंसाने के लिए हथियार प्लांट किया था। अब इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने घटना में शामिल चार पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। इंस्पेक्टर राजेश चतुर्वेदी, चौकी इंचार्ज शुभम चौधरी, कांस्टेबल सुनील कुमार और कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार को निलंबित किया गया है। वहीं होमगार्ड नूर हसन और भूपेंद्र कुमार दोनों की रिपोर्ट होमगार्ड कमांडेंट के पास भेजी गई है।

पुलिस अधीक्षक (अपराध) राकेश कुमार मिश्रा ने कहा- शिकारपुर के थाना प्रभारी, कस्बा चौकी प्रभारी और दो कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि वीडियो में दिख रहे दो होमगार्डों के संबंध में एक अलग रिपोर्ट भेजी जा रही है। पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के बाद पूरे मामले की जांच भी करवाई जाएगी। इसके बाद जांच रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजी जाएगी। आपको बता दें कि इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में काफी गुस्सा था।

घटना को लेकर समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार को घेरा है। पार्टी की तरफ से X पर पोस्ट किया गया है। पार्टी की तरफ से कहा गया है – सीएम योगी की यूपी की बुलंदशहर पुलिस का कारनामा देखिए, बाइक से सफेद पोटली में लिपटा तमंचा निकाला और कार में रख दिया,फिर कार मालिक दलित व्यक्ति अमित को जेल भेज दिया। यूपी में पुलिस सीएम योगी के इशारे पर किस तरह से दलितों, पिछड़ों और विपक्षियों को फर्जी तरीके से फंसाकर जेल भेजने का काम कर रही है। ये इस घटना से भी स्पष्ट हो रहा है। सीएम योगी यूपी में सरकार नहीं जंगलराज चला रहे हैं।

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