दिल्ली के एलजी को मिली और अधिक शक्तियां, बोली आम आदमी पार्टी ‘एक चुनी हुई सरकार को कमज़ोर कर रही केंद्र सरकार’

तारिक खान

डेस्क: दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियां और बढ़ गई हैं। इस बारे में गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना के मुताबिक, दिल्ली के एलजी किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी भी वैधानिक निकाय का गठन और किसी सरकारी अधिकारी या पदेन सदस्य की नियुक्ति कर सकते हैं।

इसके मुताबिक, अगले आदेश तक दिल्ली के लिए संसद द्वारा बनाए गए क़ानूनों के तहत राष्ट्रपति के अधिकारों का एलजी इस्तेमाल कर सकते हैं। केंद्र के इस फ़ैसले से दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच टकराव बढ़ने की आशंका है। पहले ये अधिकार दिल्ली सरकार के पास थे। दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच शक्तियों को लेकर पहले से ही लंबा विवाद रहा है। आम आदमी पार्टी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करती रही है।

शक्तियों के बँटवारे का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और बीते साल मई में सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। शीर्ष अदालत ने अपने फ़ैसले में कहा था कि अधिकारियों के ट्रांसफ़र और पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होना चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार ने इस फ़ैसले के तुरंत बाद एक अध्यादेश जारी किया जिसके तहत अधिकारियों की ट्रांसफ़र और पोस्टिंग से जुड़ा आख़िरी फैसला लेने का हक़ उपराज्यपाल को वापस दे दिया गया था।

दिल्ली एलजी की शक्तियां बढ़ाने वाली गृह मंत्रालय की अधिसूचना पर आम आदमी पार्टी की ओर से प्रतिक्रिया आई है। आप नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘बीजेपी पीछे के दरवाज़े से दिल्ली को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है लेकिन ये होगा नहीं।’ उन्होंने कहा कि “चुनी हुई सरकार की शक्तियां छीनी जा रही हैं।”

सौरभ भारद्वाज ने कहा, “जब अपनी ज़िम्मेदारी और जवाबदेही का सवाल आता है तो एलजी साहब काम नहीं कर रहे हैं। हज़ारों डॉक्टरों की भर्तियां करनी हैं, पद सृजित करने हैं, एलजी साहब उस पर बैठे हैं। हज़ारों बस मार्शल बेरोज़गार हो गए, उस पर वो बैठे हुए हैं।” उन्होंने कहा, “जहां शक्तियां लेने की बात है तो अधिक से अधिक शक्तियां वो अपने हाथ में ले रहे हैं क्योंकि इनका दुरुपयोग किया जा सके।”सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि एलजी विनय कुमार सक्सेना दो करोड़ रुपये सालाना खर्च पर सोशल मीडिया कंपनी हायर कर रहे हैं।

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