ज़मीनी विवाद के कारण दलित बस्ती में लगाया दबंगों ने आग, आधिकारिक पुष्टि कि 21 घर जलकर हुवे ख़ाक, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा 80 घर जले
माही अंसारी
डेस्क: बिहार में नवादा ज़िले के मुफ़स्सिल थाना क्षेत्र के कृष्णानगर में एक दलित बस्ती में 21 लोगों के घर में 18 सितंबर की शाम ‘दबंगों’ ने आग लगा दी। नवादा प्रशासन के मुताबिक़ ये पूरा मामला ज़मीनी विवाद से जुड़ा हुआ है। हालांकि स्थानीय मीडिया में 80 घरों के जलने की ख़बर है। लेकिन नवादा ज़िला प्रशासन ने 21 घर के जलने की आधिकारिक पुष्टि की है।
नवादा एसपी अभिनव धीमान के एक्स पर जारी बयान के मुताबिक़, ‘तक़रीबन शाम 7 बजे कई घरों में आग लगाने की सूचनामिली थी। शुरुआत में 40 से 50 घरों के जलाए जाने की सूचना मिली थी लेकिन प्रशासन ने 21 जले हुए घर को चिह्नित किया है। किसी तरह की फायरिंग नहीं हुई है। इस मामले में 10 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है। पुलिस और मैजिस्ट्रेट घटनास्थल पर कैंपिंग कर रहे हैं। इस आगज़नी में किसी के ज़ख़्मी होने की सूचना नहीं है।’
कृष्णानगर का ये दलित टोला खुरी नदी के किनारे बसा है। इसमें मांझी और रविदास जाति के लोग रहते है। पीड़ित परिवारों ने स्थानीय मीडिया से बातचीत में बताया कि बगल के ही प्राण बिगहा गांव के नंदू पासवान सहित अन्य अभियुक्त उन्हें ज़मीन ख़ाली करने को लेकर धमकाते रहते थे। नवादा के स्थानीय मीडिया में चली खबरों के अनुसार पीड़ित परिवार जिस ज़मीन पर बसे हैं, उसका विवाद लंबे समय से कोर्ट में चल रहा है। दोनों पक्ष इस ज़मीन पर दावा करते रहे हैं। पहले भी दोनों पक्षों के बीच छिटपुट हिंसक घटनाएं होती रही हैं। लेकिन कल इन लोगों ने आकर घर जला दिए।
इस पूरी घटना पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, ‘नवादा में महादलितों का पूरा टोला जला देना, 80 से ज़्यादा परिवारों के घरों को नष्ट कर देना बिहार में बहुजनों के विरुद्ध अन्याय की डरावनी तस्वीर उजागर कर रहा है।’ राहुल गांधी ने भाजपा और बिहार की एनडीए सरकार आराजक तत्वों को शरण देने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी इस पूरी घटना पर चुप्पी साधे रहने का आरोप लगाया है।