जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी पर दुल्हन की तरह सजा बनारस, सर सु गूंजी सदा ‘सरकार की आमद मरहबा’, देखे दिलकश तस्वीरे मरकज़ के जुलूस-ए-मुहम्मदी से शुरू हुवे जश्न लंगर-ए-मुहम्मदी से होता हुआ जुलूस-ए-मुहम्मदी पर हुआ मुकम्मल

शफी उस्मानी

वाराणसी : तमाम आलम-ए-इस्लाम ने कल से लेकर आज सोमवार शाम तक आमद-ए-रसूल के जश्न में सराबोर रहा। इस्लाम धर्म के आखिरी पैगम्बर, हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०) की आमद की खुशी और जश्न का आगाज़ इतवार की शाम से हो गया था, जो पूरी रात चलता रहा। शहर बनारस दुल्हन की तरह सजा हुआ था. हर सु सरकार की आमद मरहबा की सदा आ रही थी।

रविवार को जश्न का आगाज़ बनारस में मरकजी यौमुन्नबी कमेटी के जुलूस-ए-मुहम्मदी से शुरू हुआ, नबी की आमद की खुशी में इस्लामी तराना पेश करते हुए सराय हाड़हा, छत्तातले, नारियल बाजार, दालमंडी, नई सड़क, मस्जिद खुदा बख्श जायसी, कुरैशबाग मस्जिद, उस्ताद बिसमिल्लाह खान मार्ग होकर बंशीधर कटरा पहुंचा। जुलूस की अगुवाई कमेटी के अध्यक्ष शकील अहमद बबलू, पूर्व चेयरमैन अल्पसंख्यक आयोग कर रहे थे। जुलूस के बाद मौलाना ज़कीउल्लाह असदुल कादरी ने नबी की सीरत पर रौशनी डालते हुए उनके मोअज्जो को बयां किया।

उन्होंने कहा कि नबी की 63 साल की जिंदगी पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। उन्होंने जिस इस्लाम की नींव रखी थी वो आज पूरी दुनिया में दरख्त बनकर लहरा रहा है। जरुरत है कि हम नबी के बताए हुए रास्तों पर चलें। इस दौरान महमूद खां, आगा कमाल, राशिद सिददीकी, रेयाज़ अहमद नूर, मोदस्सिर अहमद, मो. इमरान, मोहम्मद अबरार खान, शकील अहमद सिद्दीकी, अब्दुल अलीम, इमरान अहमद, दिलशाद अहमद दिल्लू, अजहर आलम अज्जू, गुडडू आदि मौजूद थे।

ऐसे ही अर्दली बाजार, पक्की बाजार, मकबूल आलम रोड, नदेसर, लल्लापुरा, हबीबपुरा, नई सड़क, दालमंडी, सराय हड़हा, रेवड़ी तालाब, मदनपुरा, गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, शक्कर तालाब, जलालीपुरा, कोयला बाजार, पीलीकोठी, चौहट्टा लाल खां, बड़ी बाजार आदि इलाकों में सजावट की गई थी जहां नबी के जश्न के कलाम की गूंज फिजा में खुशबू बिखेर रही थी।

वही दूसरी तरफ मिल्लत कमेटी कपडा मार्किट नई सड़क के जानिब से लंगर-ए-मुहम्मदी चला जिसमे हज़ारो लोगो ने लंगर चखा और पूरी रात यह सिलसिला जारी रहा। दालमंडी के गुलाम अशरफ व शाहनवाज खान शानू की अगुवाई में नई सड़क लंगड़े हाफिज मस्जिद के नीचे यह लंगर चलाया गया। दालमंडी व्यापार मंडल की जानिब से लंगरे मोहम्मदी का आयोजन नया चौक में किया गया था जहां तमाम लोग तबर्रुक चखते दिखाई दिए। ऐसे ही कई जगहों पर लंगर चलता रहा व लोगों में तबर्रुक तकसीम किया जा रहा था।

शहर के कई इलाकों में इस तरीके के लंगर का इंतज़ाम किया गया था. मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में सबील शरबत और पानी की लगी हुई थी। मुस्लिम बाहुल्य इलाके रौशनी और सजावट से इतराते नज़र आये। इस दौरान सारा जहां नबी की मोहब्बत और अकीदत लुटाता नज़र आया। हर तरफ नूर की बारिश और डायसों से नबी की शान में कलाम पेश किया जा रहा था। जहां शायरों का जज्बा और जुनून देखते ही बन रहा था।

आज सोमवार को अल सुबह रेवड़ी तालाब से जुलूसे मोहम्मदी सलाम और कलाम पेश करते हुए रेवडीतालाब से निकला और पुरे शहर में हज़ारो हज़ार की तय्दात में आशिक-ए-रसूल सरकार की आमद पर जश्न मनाते हुवे चले। इस जुलूस में शहर भर की अंजुमनो ने शिरकत करेंगी। दोपहर बाद जलालीपूरा से निकलने वाला प्यारे मिया की कयादत में जुलूस-ए-मुहम्मदी अपने पारंपरिक तरीके से निकला और अपने तय रास्तो से होता हुआ वापस ईदगाह जलालीपूरा में जाकर मुकम्मल हुआ।

इस दरमियाँ एक हादसा भी हुआ जिसमे जुलूस-ए-मुहम्मदी से वापस लौट रहे युवाओं का झंडा हाई टेंशन तार से टकरा जाने से 6 युवक झुलस गए। झुलसे युवको इलाज मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा में चल रहा है और सभी घायल खतरे से बाहर बताये जा रहे है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *