हत्या और बलात्कार के सजायाफ्ता अपराधी बाबा राम रहीम की भगवंत सरकार ने बढाया मुश्किलें, गुरुग्रन्थ साहिब की बेअदबी के तीन मामलो में मुकदमा चलाने की सरकार ने दिया मंजूरी
मोनू अंसारी
डेस्क: हत्या और दुष्कर्म का सजायाफ्ता अपराधी बाबा राम रहीम उर्फ़ गुरमीत सिंह जो पहले से ही रेप और हत्या के मामलों में 20 साल की सजा काट रहा है और वह हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान 20 दिन की पैरोल पर बाहर था। अब मुश्किलों में आने वाला है। वैसे तो राम रहीम को पेरोल ऐसे मिलती रही है जैसे वह जेल में न होकर किसी गेस्ट हाउस में हो।
मगर अब उसकी मुश्किलें पंजाब की भगवंत मान सरकार बढ़ाने जा रही है। पंजाब सरकार ने 2015 के बेअदबी के तीन मामलों में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। बेअदबी की इन घटनाओं के बाद सिख समुदाय ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें पुलिस की फायरिंग से दो लोगों की मौत हो गई थी।
2015 के गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में पहले हाईकोर्ट ने मुकदमा चलाने पर रोक लगा दी थी। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस साल मार्च में बेअदबी के तीन मामलों की जांच पर रोक लगाई थी। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की ओर से लगाई गई रोक को हटा दिया और राम रहीम को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राम रहीम के खिलाफ निचली अदालत में मुकदमा चल सकेगा। पंजाब सरकार ने डेरा सच्चा समिति के तीन सदस्यों प्रदीप क्लेर, हर्ष धुरी और संदीप बरेटा के खिलाफ भी मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब के फरीदकोट में दर्ज तीन मामलों पर ये कार्रवाई हो रही है।
पहला मामला 1 जून 2015 को फरीदकोट के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में गुरुद्वारा से गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ की चोरी से जुड़ा है। दूसरा मामला 24 और 25 सितंबर 2015 को फरीदकोट के बरगाड़ी में सिख धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर लगाने का है। तीसरा मामला 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी में चोरी हुई गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ के पन्ने फाड़ने से जुड़ा है।