कांग्रेस ने भेजा चुनाव आयोग को जवाब, बोले पवन खेडा ‘हरियाणा के जिन ईवीएम की बैटरी 99 फीसद चार्ज थी, वह छेड़ी गई थी और कांग्रेस वहा हारी, जहा नहीं छेड़छाड़ हुई वह बैटरी 60-70 फीसद चार्ज थी और कांग्रेस जीती’
आफताब फारुकी
डेस्क: चुनाव आयोग की वेबसाइट पर हरियाणा के चुनावी नतीजों को धीमा अपडेट किए जाने के मामले में कांग्रेस ने चुनाव आयोग को जवाब दिया है। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चुनाव आयोग को भेजे जवाब को शेयर किया है।
इसमें कहा गया है कि आयोग का जवाब संवाद के स्तर को ‘‘अस्वीकार्य रूप से निम्न स्तर’’ पर ले जाता है। सत्ताधारी दल (बीजेपी) की तरह ही ‘महत्वपूर्ण तथ्यों को ग़लत तरीक़े से पेश करता है। चुनाव आयोग को भेजे गए जवाब में कांग्रेस ने कहा कि जब हम शिकायत करते हैं तो विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर करते हैं। हमने दावे के समर्थन में कई दस्तावेज़ आपको दिए।
दूसरी तरफ़ कांग्रेस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पवन खेड़ा ने कहा, ‘हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे बिल्कुल अप्रत्याशित और अस्वीकार्य हैं। हिसार, महेंद्रगढ़ और पानीपत जिलों से लगातार शिकायतें आ रही हैं कि यहां ईवीएम की बैट्री 99 प्रतिशत चार्ज थी। इन जगहों पर कांग्रेस को हराने वाले नतीजे आए। वहीं, जिन मशीनों को नहीं छेड़ा गया और जिनकी बैट्री 60-70 प्रतिशत चार्ज थी, वहां हमें जीत मिली।’
बताते चले कि हरियाणा में बीजेपी राज्य की 90 सीटों में से 48 पर जीत दर्ज कर चुकी है। वहीं कांग्रेस के खाते में 36 सीटें गई है और एक पर अभी वो आगे चल रही है। इंडियन नेशनल लोक दल के खाते में दो और निर्दलीय ने 3 पर जीत दर्ज की है। राज्य में विधानसभा की कुल 90 विधानसभा सीटें हैं और ऐसे में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए 46 सीटें चाहिए।
कांग्रेस ने मंगलवार की सुबह चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा था। इसमें पार्टी ने कहा था कि नौ से ग्यारह बजे के बीच चुनाव आयोग की वेबसाइट पर आ रहे परिणामों अपडेट करने में देरी हो रही है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘लोकसभा नतीजों की तरह हरियाणा में भी चुनावी रुझानों को जानबूझकर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर धीम-धीमे शेयर किया जा रहा है। क्या भाजपा प्रशासन पर दबाव बनाने की चेष्टा कर रही है।’ इसके बाद चुनाव आयोग ने कांग्रेस को जवाब दिया था। आयोग ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के दौरान 4 जून, 2024 को भी ऐसी ही मामला कांग्रेस की ओर से उठाया गया था। इस दौरान भी आयोग ने इसे ख़ारिज किया था।