जेपी के मूर्ति पर श्रद्धांजलि को लेकर सपा और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच बढा विवाद, जेपीएनआईसी जाने की नही मिली अखिलेश यादव को इजाज़त, आवास के बाहर लगाया प्रशासन ने बैरिकेटिंग
ईदुल अमीन
डेस्क: लखनऊ में जयप्रकाश नारायण (जेपी) की मूर्ति पर श्रद्धांजलि को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और समाजवादी पार्टी के बीच विवाद हो गया है। जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर अखिलेश यादव जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर(जेपीएनआईसी) पहुंचे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें माल्यार्पण करने की इजाजत नहीं दी।
प्रशासन ने पिछली बार भी जयप्रकाश नारायण जयंती के मौके पर अखिलेश यादव को रोकने की कोशिश की थी, लेकिन उस वक़्त वे दीवार कूदकर जेपीएनआईसी के अंदर चले गए थे। लेकिन इस बार प्रशासन ने अखिलेश को रोकने के लिए प्रवेश द्वार पर टिन का शेड लगा दिया। अखिलेश यादव गुरुवार को जेपीएनआईसी गए थे और उन्होंने टीन शेड लगाने पर आपत्ति की थी। हालांकि प्रशासन की तरफ से कहा जा रहा है कि वहां पर निर्माण हो रहा है इसलिए सुरक्षा के मद्देनज़र वहां जाना ठीक नहीं है। इसका निर्माण अखिलेश की सरकार में शुरू हुआ था।
इस बार प्रशासन ने अखिलेश यादव को रोकने के लिए उनके घर के आसपास बैरिकेडिंग भी लगा दी, जिसके बाद अखिलेश के घर के बाहर ही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जमा होने लगे और सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी शुरू हो गई। अखिलेश यादव ने घर के बाहर ही जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया, लेकिन जेपीआईएनसी नहीं जा पाए।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार कुछ छुपाना चाहती है जिसकी वजह से उनको रोका जा रहा है। इस बारे में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट भी लिखी। अपनी पोस्ट में अखिलेश यादव ने लिखा, ‘भाजपाई लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मक का प्रतीक है। पिछली बार की तरह ही समाजवादी लोग कहीं ‘जयप्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गई है।’