इसराइल और यूएन आमने सामने: दक्षिणी लेबनान से शांति सैनिको को हटाने से युएन ने किया साफ़ साफ़ मना, इसराइल ने कहा ‘यूएन शान्ति सैनिक बन रहे हिजबुल्लाह के लिए ढाल’

आदिल अहमद

डेस्क: संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि वह दक्षिणी लेबनान में अपने शांति रक्षक सैनिकों को नहीं हटाएगा। जबकि इसराइल ने कई बार कहा है कि संयुक्त राष्ट्र को वहां से अपनी सैनिकों को हटा लेना चाहिए। इस बात को लेकर अब युएन और इसराइल आमने सामने की स्थिति में आ चुके है। एक तरफ इसराइल का आरोप है कि यूएन शांति सैनिक हिजबुल्लाह लडाको के लिए ढाल बन रहे है,

यूएन पीसकीपिंग ऑपरेशन्स के प्रमुख ज्यां पियरे लेक्रोइक्स ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों से कहा कि यूनाइटेड नेशन्स इंटरिम फोर्स इन लेबनान यानी यूनिफिल वहां अपने सैनिकों को नहीं हटाएगी। इस फैसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और इस मिशन में आर्थिक सहयोग दे रहे देशों का पूरा समर्थन है। रविवार को इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने बड़े ही कड़े तेवर के साथ कहा था कि यूनिफिल अपने शांति रक्षक सैनिकों को दक्षिण लेबनान से हटा ले। उनका कहना था कि ये सैनिक हिज़्बुल्लाह लड़ाकों के लिए ढाल का काम कर रहे हैं।

पिछले सप्ताह इसराइल ने सेंट्रल बेरूत पर हमले के दौरान यूनिफिल के ठिकानों को निशाना बनाया था। सेंट्रल बेरूत में इसराइली हमले में 22 लोगों की मौत हो गई थी। यूनिफिल शांति रक्षक मिशन 1978 में बना था। ये इस इलाके में पड़ोसी देशों के बीच दुश्मनी रोकने और दक्षिणी लेबनान के लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए गठित किया गया था। संयुक्त राष्ट्र ने पिछले सप्ताह कहा था कि इसराइल सेना ने इसके ठिकानों पर कई बार हमले किए हैं।

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