ब्रिक्स सम्मलेन में बोले पीएम मोदी ‘भारत बातचीत और कूटनीति का समर्थन करता है न कि युद्ध का’
आदिल अहमद
डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया में चल रहे संघर्षों पर बुधवार को ब्रिक्स सम्मेलन में कहा कि भारत बातचीत और कूटनीति का समर्थन करता है न कि युद्ध का। पीएम मोदी ने ब्रिक्स के नए सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा, ‘मुझे बहुत खुशी है कि आज हम सब ब्रिक्स के विस्तार के बाद नए सदस्यों के साथ पहली बार मिल रहे हैं। मैं सभी नए मित्रों का स्वागत करता हूं।’
उन्होंने ब्रिक्स सम्मेलन के सफल आयोजन को लेकर कहा, ‘पिछले एक साल में ब्रिक्स की सफल अध्यक्षता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन को शुभकामनाएं देता हूं।’ पीएम मोदी ने दुनिया में बढ़ती समस्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ‘हमारी मुलाकात ऐसे समय पर हो रही है जब दुनिया युद्ध, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी कई महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रही है।’
उन्होंने कहा, ‘दुनिया उत्तर-दक्षिण विभाजन और पूर्व-पश्चिम विभाजन के बारे में बात कर रही है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘महंगाई रोकना, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, जल सुरक्षा सुनिश्चित करना, दुनिया के सभी देशों के लिए प्राथमिकता के विषय हैं। टेक्नोलॉजी के इस दौर में साइबर डीपफ़ेक और डिसइन्फॉर्मेशन जैसी नई चुनौतियां हैं।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘हम बातचीत और कूटनीति का समर्थन करते हैं न कि युद्ध का। जैसे हम सब साथ मिलकर कोविड जैसी चुनौती से निपटने में सफल हुए, उसी तरह हम निश्चित रूप से भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नए अवसर पैदा करने में सक्षम हैं। आतंकवाद और आतंकवाद को वित्तीय सहायता देने वालों का मुकाबला करने के लिए हम सभी को एकजुट होने की ज़रूरत है।’
उन्होंने कहा कि ‘ऐसे गंभीर मामले में दोहरे मानदंडों की कोई जगह नहीं है। हमें अपने देशों में युवाओं के कट्टरपंथ की तरफ जाने से रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की ज़रूरत है। संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर लंबे समय से लंबित पड़े मामलों पर हमें साथ मिलकर काम करना होगा। इसी तरह हमें साइबर सुरक्षा और सुरक्षित एआई के लिए वैश्विक स्तर पर नियमों पर काम करने की ज़रूरत है।’