जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावी नतीजो के रुझान बताते है कि 370 का नहीं चला जादू, भाजपा के साथ ने महबूबा मुफ़्ती की पीडीपी से भी छिना सियासी ज़मीन

तारिक आज़मी

डेस्क: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 10 वर्षो के बाद हुआ है। एक तरफ भाजपा इस राज्य में सरकार बनाने का सपना देख रही थी। वही दूसरी तरफ पीडीपी भले ही इंडिया गठबंधन के साथ थी, मगर अपनी सियासी ज़मीन को भी मापना चाहते हुवे उसने अलग चुनाव लड़ा। मगर चुनावी नतीजो के साफ़ होते रुझानो ने भाजपा को जहा झटका दिया है, वही महबूबा मुफ़्ती को भी धरातल पर लाकर पटक दिया है।

सबसे पहले बात अगर महबूबा मुफ़्ती की करे तो उनकी पार्टी पीडीपी को ज़बरदस्त झटका लगा है। पीडीपी महज़ 3 सीट पर बढ़त बनाये हुवे है। वही खुद महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तेजा मुफ़्ती अपने सीट पर पीछे चल रही है। शायद महबूबा मुफ़्ती की पार्टी को यह झटका भाजपा के उस साथ के वजह से शायद महबूबा मुफ़्ती को जनता ने नकार दिया है। भाजपा के साथ मिल कर सरकार बनाने वाली महबूबा मुफ़्ती के शासन काल में ही जम्मू कश्मीर में 370 हटाया गया था।

वही दुसरे तरफ भाजपा की बात करे तो भाजपा ने जिस 370 और कश्मीरी पंडितो के मुद्दे को पुरे देश में भुनाने की कोशिश किया वही भाजपा लोकसभा चुनाव में घाटी में अपने प्रत्याशी नही उतारती है। दुसरे तरफ आ रहे चुनावी नतीजो के रुझान बताते है कि कश्मीर में तो भाजपा कही खडी नही हो सकी है, वही जम्मू में भी भाजपा को झटका लगा है। जम्मू में आ रहे नतीजो के रुझान बताते है कि जम्मू में कश्मीरी पंडितो के भी मत भाजापा को एकतरफा नही मिल सके है।

सब मिला कर यह देखने को रुझानो में मिल रहा है कि जम्मू में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेस के गठबंधन ने 50 सीट पर बढ़त बनाया हुआ है। वही भाजपा को० 28 सीट पर बढ़त है। जबकि पीडीपी के खाते में 3 सीट और अन्य को 10 सीट मिलती दिखाई दे रही है।

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