इसराइल द्वारा गज़ा पर हमले के 400 दिन, इतनी तबाही के बाद भी क्या हासिल कर पाया अब तक इसराइल…?
तारिक आज़मी
डेस्क: इसराइल के गज़ा पर किये गए हमले को कल 400 दिन पुरे हो चुके है। पिछले 400 दिनों से इसराइल लगातार गज़ा पर बमबारी कर रहा है। गजा पर 400 दिनों से चल रहे इस जंग में अब तक जीत हार का रेशियो अगर जोड़े तो इंसानियत की हार दिखाई देगी, वर्ना जीत और इसराइल का मकसद अभी तक तो दूर ही दिखाई दे रहा है।
इन 400 दिनों में अब तक कुल 43,000 से अधिक लोग मारे गए, 102,000 घायल हुए और 10,000 लापता हुए। मरने वालों में कम से कम 17,385 बच्चे शामिल हैं, जिनमें एक वर्ष से कम उम्र के 825 बच्चे और लगभग 12,000 महिलाएं शामिल हैं। गजा पट्टी में लगभग 20 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। 1,000 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारी मारे गये। कम से कम 12,700 छात्र मारे गये। इस पुरे जनहानि में इसराइल ने अब तक गाजा में लगभग 86,000 टन विस्फोटक गिराए गए।
इस पुरे जंग का मकसद इसराइल के लिए एक था वह था हमास का खत्म और बंधको की रिहाई जिनको हमास इसराइल पर हमले के दरमियान अपने साथ बंधक बना कर ले गया था। मगर सवाल बड़ा ये है कि क्या 400 दिनों में नेतान्याहू ने अपना मकसद पा लिया है? या फिर मकसद के करीब भी पहुचे है? जवाब तलाशेगे तो बेशक इसका जवाब न में रहेगा। ये सही है कि हमास चीफ याहिया सनवार जैसे हमास के बड़े नेता इस जंग में मारे गए है। मगर ये भी सच है कि एक भी बंधक को हमास से इसराइल जंग करके नहीं छुडवा पाया है। बल्कि उसने जिन बंधको को रिहा करवाया है, वह एक समझौते के तहत रिहा करवाया है। कुछ बंधको की लाशें भी मिली है।
अब रही हमास की बात तो हमास आज भी अपने अस्तित्व में है ऐसा इसराइल की सेना का भी मानना है। फिर सवाल ये है कि इन 400 दिनों की जंग में इसराइल को हासिल क्या हुआ है? इसराइल में नेतान्याहू को अपने जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। नेतान्याहू फिलहाल व़ार कैबिनेट से सरकार चला रहे है। एक हमास के मोर्चे पर छिड़ी जंग अब दो मोर्चे पर दिखाई दे रही है। हिजबुल्लाह ने भी खुल कर यलगार कर रखा है और बड़ा झटका हिजबुल्लाह ने नेतान्याहु के आवास पर हमले के रूप में दिया है। वही ईरान ने भी इसराइल पर हमला किया जिसके जवाब ने इसराइल ने एयर स्ट्राइक ईरान पर किया।
अब स्थिति ऐसी है कि ईरान इसका जवाब कही न दे, इसके लिए सुरक्षा कारणों से खुद नेतान्याहू के बेटे की शादी टाल दिया गया है। हमास अपनी उपस्थिति ज़मीनी जंग और राकेट लांच करके दिखा रहा है। हिजबुल्लाह और हुती भी इसराइल पर निशाने साध रहे है। लाल सागर को हुती ने अपने हमलो से और भी सुर्ख कर रखा है। अरब देश ईरान पर हुवे हमले से इसराइल पर अपनी नाराजगी दिखा चुके है। मध्यस्थता कर रहा क़तर भी अब मध्यस्थता से किनारा कर रहा है। कुछ मुल्को ने फलिस्तीन को अलग राष्ट्र की मान्यता दे दिया है। फलस्तीन के अलग राष्ट्र का मुद्दा जो पहले ठंडा पड़ रहा था और अरब मुल्को के इसराइल की बढती नजदीकियां अब दूरियों में दिखाई दे रही है। फलिस्तीन की आज़ादी के लिए आवाज़े मध्हीम ही सही निकल रही है और इसराइल वार कैबिनेट वाला मुल्क बना हुआ है। फिर सवाल वही खड़ा है कि आखिर इन 400 दिनों में इसराइल को हासिल क्या हुआ ?
समस्त आकडे अल जजीरा से साभार