झांसी मेडिकल कालेज में लगी आग से मरने वाले नवजातो में 7 शवो की हुई शिनाख्त, वायरल हुवे वीडियो में मृत शिशुओ की लाशें देख फुट कर रोई इंसानियत

ईदुल अमीन

डेस्क: उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने के मामले में जिला मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार ने कहा है कि सात नवजातों के शवों की पहचान कर ली गई है। मीडिया से उन्होंने कहा कि ‘डॉक्टरों से बात करने के बाद अब तक जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार 38 नवजात सुरक्षित हैं और उनका इलाज चल रहा है। सात शवों की पहचान परिजनों ने कर ली है, जिसके बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है। अब तक तीन शवों की पहचान नहीं की जा सकी है, उनकी पहचान के लिए कोशिश की जा रही है।’

घायल नवजातों के बारे में अविनाश कुमार ने जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘अधिकतर नवजात जलने के कारण घायल नहीं हुए हैं। नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में लाए जाने वाले बच्चे अधिकतर गंभीर अवस्था में ही लाए जाते हैं। जिन बच्चों की स्थिति पहले ही गंभीर थी, उनमें से तीन की स्थिति अभी गंभीर है। घटना के बारे में प्रथमदृष्टया अभी ये पता चला है कि हादसा बिजली के स्पार्क की वजह से आग लगने के कारण हुआ था। लेकिन, इसकी विस्तृत जांच कराई जा रही है, जिसके बाद स्थिति के बारे में और जानकारी मिल सकेगी।’

उत्तर प्रदेश सरकार ने आग के कारणों की जांच के लिए मेडिकल एजुकेशन और ट्रेनिंग के महानिदेशक के नेतृत्व में एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, समिति में अग्निशमन सेवाओं के महानिदेशक भी शामिल हैं। समिति को आग के कारणों का पता लगाने के अलावा ये भी पता लगाना है कि क्या इस मामले में किसी तरह की लापरवाही भी हुई थी। सरकार ने समिति से कहा है कि वो इसकी रिपोर्ट सात दिनों के भीतर सौंपे। शुक्रवार देर रात मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में आग लग गई थी। इस हादसे में 10 नवजातों की मौत हो गई और 16 गंभीर रूप से घायल हो गए।

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