संभल में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर लगी रोक मामले में बोले अखिलेश यादव ‘ प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए, सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता

ईदुल अमीन

डेस्क: संभल में जिलाधिकारी द्वारा बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक के सम्बन्ध में जारी आदेश पर राजनीती गर्म होने लगी है। समाजवादी पार्टी ने पुरे मामले में स्थानीय प्रशासन की मंशा पर शक ज़ाहिर करते हुवे कहा है कि प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए, तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता।

बताते चले कि उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर उपजे विवाद में अब संभल के जिला अधिकारी ने 10 दिसंबर तक ज़िले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में की गई सुनवाई में संभल मामले पर निचली अदालत में किसी भी सुनवाई पर रोक लगा दी गई थी। जिला अधिकारी के आदेश के अनुसार 10 दिसंबर तक कोई भी बाहरी व्यक्ति संभल में बिना उनकी अनुमति के प्रवेश नहीं कर सकेगा।

संभल में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगाए जाने वाले आदेश पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है। अखिलेश यादव ने एक्स पोस्ट में लिखा, ‘प्रतिबंध लगाना बीजेपी सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाक़ामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए, तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता।’

उन्होंने लिखा, ‘बीजेपी जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साज़िश के तहत लापरवाही का आरोप लगाते हुए, सच्ची कार्रवाई करके बर्ख़ास्त भी करना चाहिए। साथ ही किसी की जान लेने का मुक़दमा भी चलना चाहिए।’

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