मध्य प्रदेश: 10 हाथियों की मौत पर बोले जीतू पटवारी ‘ये मौत कोई दुर्घटना नही, उनको ज़हर दिया गया था’
तारिक खान
डेस्क: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ नेशनल पार्क में पिछले कुछ दिनों के भीतर 10 हाथियों की मौत पर राजनीति तेज़ हो गई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने वन विभाग के मंत्री रामनिवास रावत का इस्तीफ़ा मांगा है और साथ ही इन मौतों का ज़िम्मेदार राज्य सरकार को ठहराया है।
जीतू पटवारी कहते हैं, ‘10 हाथियों की मौत कोई दुर्घटना नहीं थी उन्हें ज़हर दिया गया था। उनको ज़हर किसने दिया ये जांच का विषय है। लेकिन अगर उनकी मौतों का कोई अभियुक्त है तो वो सरकार और वन विभाग है। टाइगर अभी जिंदा है, अब टाइगर मर रहे हैं। ये वो मौतें हैं जिसके बारे में पता चला, इसके अलावा भी मौतें होती हैं जो पता नहीं चलती। वन्य जीवों को लेकर ये सरकार सिर्फ़ बजट पास करती है और उसमें भ्रष्टाचार करती है।’
उन्होंने कहा कि ‘तीन साल का आंकड़ा ये कहता है कि लगभग 140 बाघों की मौतें हुई हैं। काले चीते लाए और उस पर 5 हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए गए। जो टाइगर स्टेट का दर्जा हमारा सम्मान बढ़ाते हैं वो मर रहे हैं। अगर सरकार इन हत्याओं के लिए केवल कर्मचारियों को सज़ा देती है तो ये अन्याय होगा। इसमें वन मंत्री का भी इस्तीफ़ा लेना चाहिए। रामनिवास रावत जी को भी ज़िम्मेदार ठहराना चाहिए। वो चुनाव में व्यस्त हैं इधर हाथियों की हत्याएं हो रही हैं।’
भाजपा को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा, ‘भाजपा का जो पाखंड है इसे जनता को समझना चाहिए। मुख्यमंत्री मोहन यादव से मेरा आग्रह है कि या तो रामनिवास रावत का वन मंत्री होने के नाते इस्तीफा लें या हम वोट के माध्यम से उन्हें पद से हटा देंगे।’
वन विभाग के मुताबिक, सबसे पहले 29 अक्टूबर को विभाग की टीम को 4 हाथी मृत अवस्था में मिले थे, जबकि 6 अन्य हाथी गंभीर रूप से बीमार थे। बीमार हाथियों का इलाज चल रहा था, लेकिन अगले ही दिन मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर के कारण चार और हाथियों की मौत हो गई और 31 अक्टूबर को बाकी के दो हाथियों ने दम तोड़ दिया।